सर्दियों में केदारनाथ-बदरीनाथ धामों के दर्शन संभव: धामी सरकार का प्लान

उत्तराखंड सरकार ने चार धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों की तैयारी को लेकर पर्यटन, धर्मस्व, और संस्कृति विभाग को बड़े पैमाने पर काम करने के निर्देश दिए हैं। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन जगहों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़े, और स्थानीय लोगों की गतिविधियों को भी बढ़ावा मिले। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शीतकालीन यात्रा के साथ-साथ विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं, ताकि उत्तराखंड में पर्यटन हर मौसम में सक्रिय रहे। इन तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री 10 दिसंबर को सचिवालय में बैठक करेंगे, जिसमें विभिन्न विभागों से उनके कार्यों की जानकारी ली जाएगी।
पिछले कुछ वर्षों में चार धाम यात्रा के बाद शीतकालीन प्रवास स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही है, लेकिन इस बार सरकार ने इसे खास तरीके से बढ़ावा देने की योजना बनाई है।इसका एक बड़ा उद्देश्य उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए चारों धामों में जरूरी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक और श्रद्धालु इन स्थानों की ओर आकर्षित हो सकें।इस बार, यात्रा पंजीकरण पोर्टल को भी मजबूत करने की योजना है, ताकि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों सिस्टम प्रभावी रूप से काम करें।
यह भी सुनिश्चित करने के लिए यात्रा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो चार धाम यात्रा और अन्य धार्मिक स्थलों पर व्यवस्थाओं का प्रबंधन करेगा। इससे यह होगा कि यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े और सब कुछ सुव्यवस्थित रहे।2024 की चार धाम यात्रा के शुरुआती चरण में उमड़ी भारी भीड़ से जो समस्याएं उत्पन्न हुई थीं, उनका पुनरावृत्ति भविष्य में न हो, इसके लिए तैयारियां पहले से ही दिसंबर महीने से शुरू हो रही हैं। इस बार हर पहलू पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे यात्रियों को एक बेहतर और आरामदायक अनुभव मिले।इस प्रकार, ये सभी कदम उत्तराखंड को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं, जहां लोग पूरे साल भर आ सकते हैं और अपनी यात्रा का आनंद ले सकते हैं।