बंगाल से लॉटरी की अवैध सप्लाई, 31 साल बाद भी यूपी में कारोबार, स्टिंग में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

बिहार के खगड़िया में अवैध लॉटरी का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है, जबकि पुलिस चुपचाप नजरअंदाज कर रही है। शहर के विभिन्न इलाकों जैसे स्टेशन रोड, राजेन्द्र चौक, बखरी बस स्टैंड, बलूआही बस स्टैंड, कचहरी रोड और सन्हौली दुर्गा मंदिर चौक पर लॉटरी की खुलेआम बिक्री हो रही है। यहां के पान और चाय दुकानदार प्रतिबंधित लॉटरी टिकट बेचने में संलिप्त पाए गए हैं, जो बिना किसी डर के ग्राहकों को लॉटरी टिकट दे रहे हैं। यह लॉटरी मिजोरम और नागालैंड राज्य से आती है और बंगाल से मंगवाई जाती है। लॉटरी के टिकट पर तीन से चार लाख रुपये का प्रतिदिन कारोबार हो रहा है, जिससे अवैध माफिया करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं।
खगड़िया में लॉटरी के इस अवैध कारोबार में दर्जनों एजेंट काम कर रहे हैं, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूम कर लॉटरी बेचते हैं। इन एजेंटों द्वारा बेचे जा रहे लॉटरी टिकटों पर अंकित मूल्य से कई गुणा अधिक कीमत वसूली जा रही है। लॉटरी के प्रति लोगों में लखपति बनने की उम्मीद होती है, और इसी लालच में वे मुंह मांगी कीमत पर इन टिकटों को खरीदने के लिए तैयार रहते हैं। अवैध कारोबार के बढ़ते असर से सामान्य लोगों की जेबें खाली हो रही हैं, जबकि लॉटरी माफिया मालामाल हो रहे हैं।
हालांकि, खगड़िया पुलिस और प्रशासन को इस अवैध कारोबार की जानकारी है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस की मिलीभगत के कारण यह धंधा बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है। शहर में लॉटरी के व्यापार में संलिप्त लोग बेखौफ हैं और खुलेआम लॉटरी बेचने का काम कर रहे हैं। इस पर प्रशासन ने कुछ साल पहले छापेमारी की थी और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन अवैध कारोबार अब भी नहीं थम रहा है।
नगर थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी अनुपेश नारायण ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने संवाददाता से इसे पहले सूचना देने की बात कही, ताकि छापेमारी की जा सके। इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा किया है कि पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से खगड़िया में अवैध लॉटरी का कारोबार फिर से कैसे फल-फूल रहा है, जबकि यह पहले ही बिहार में 1993 में प्रतिबंधित हो चुका था।