600 करोड़ के 6 प्रोजेक्ट की दो साल थी डेडलाइन, आठ साल बाद भी अधूरे, देरी और घटिया निर्माण से जनता परेशान

भोपाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत “हाउसिंग फॉर ऑल” प्रोजेक्ट्स में देरी और घटिया निर्माण को लेकर जनता में गहरी नाराजगी है। 12 नंबर, राहुल नगर, बागमुगालिया, श्याम नगर और गंगा नगर जैसे इलाकों में बनाए जा रहे फ्लैट्स तय समय सीमा से चार से पांच साल बाद भी अधूरे हैं। इन प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुकिंग कराने वाले लोग अपनी जमा पूंजी लगाने के बावजूद समय पर आवास न मिलने से परेशान हैं। नगर निगम प्रोजेक्ट्स की डेडलाइन बार-बार बढ़ाने के बाद भी यह नहीं बता पा रहा कि लाभार्थियों को पजेशन कब तक मिलेगा।
12 नंबर पर ठेकेदार काम छोड़ गया
12 नंबर स्टाफ क्षेत्र में मई 2017 में एचआईजी, एमआईजी और एलआईजी मकान बनाने का काम शुरू हुआ था। यहां 1800 फ्लैट्स बनने थे, जिन्हें 18 महीने में तैयार करना था। हालांकि, ठेकेदार बीच में ही काम छोड़ गया, जिससे सात साल पहले बुकिंग कराने वाले लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि फ्लैट्स का निर्माण जल्द पूरा होगा और आवंटन की प्रक्रिया दो महीने में शुरू कर दी जाएगी।
राहुल नगर, गंगा नगर और श्याम नगर के अधूरे प्रोजेक्ट
राहुल नगर में 93 करोड़ की लागत से 2018 में फ्लैट्स का निर्माण शुरू हुआ था, जिसे 18 महीने में पूरा करना था। वहीं, गंगा नगर और श्याम नगर में 101 करोड़ के प्रोजेक्ट्स 2017 में शुरू हुए थे। इनकी भी डेडलाइन 18 महीने थी, लेकिन ठेकेदारों ने काम अधूरा छोड़ दिया।
बागमुगालिया और अन्य क्षेत्रों में भी देरी
बागमुगालिया में फरवरी 2019 में 158 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत 2232 फ्लैट्स बनाए जाने थे। इस प्रोजेक्ट को 24 महीने में पूरा करना था, लेकिन यह भी अधूरा है। बाजपेयी नगर भाग-2 और हिनोतिया आलम में भी प्रोजेक्ट्स देरी से चल रहे हैं।
घटिया निर्माण और धरने का आरोप
गंगा नगर और 12 नंबर क्षेत्र के लोगों ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। कई जगह प्लास्टर हाथ लगाते ही उखड़ रहा है। नाराज लोगों ने नगर निगम के आईएसबीटी कार्यालय पर धरना देकर देरी और घटिया निर्माण के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
देरी के कारण और नगर निगम का जवाब
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, कोरोना काल, जमीन आवंटन में देरी और रेरा से अनुमतियों में देरी इस लेटलतीफी के प्रमुख कारण हैं। हाउसिंग फॉर ऑल शाखा के अधीक्षण यंत्री उदित गर्ग ने भरोसा दिलाया कि दो-तीन महीनों में सभी प्रोजेक्ट पूरे कर पजेशन देना शुरू कर दिया जाएगा।
यह स्थिति न केवल लाभार्थियों के लिए निराशाजनक है, बल्कि नगर निगम की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करती है।