बिहार शिक्षा विभाग में बड़ी कार्रवाई, 25 अधिकारियों को तीन दिन में सफाई देने का आदेश

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बिहार में सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAR) कार्ड बनाने की प्रक्रिया में धीमी गति पर राज्य परियोजना निदेशक योगेंद्र सिंह ने कड़ा रुख अपनाया है। मुजफ्फरपुर समेत 25 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है। इन जिलों में पटना, सारण, बक्सर, गया, दरभंगा, कटिहार, मधुबनी, सहरसा, भोजपुर, बेगूसराय, सीवान जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं।

राज्य परियोजना निदेशक ने सभी जिलों के डीइओ को तीन दिनों के भीतर जवाब देने का आदेश जारी किया है। निदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्हें यह कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक अधिकांश जिलों में इसका निष्पादन अपेक्षाकृत धीमा रहा है। यह कार्य छात्रों के डिजिटल रिकॉर्ड की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए शुरू किया गया था, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रणालीगत सुधार लाए जा सकें।

वर्तमान में, राज्य के औसत प्रतिशत 5.54% से भी कम है, और मुजफ्फरपुर जिले में यह आंकड़ा सिर्फ 5.23% है। यह स्थिति अत्यंत खेदजनक है, और निदेशालय ने सभी डीइओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस बीच, राज्य सरकार ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों से अपार कार्ड निर्माण को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है।

इसके अतिरिक्त, मोतिहारी जिले के शिक्षक जो किसी विशेष कारण से स्थानांतरण चाहते हैं, उनके लिए 15 दिसंबर तक ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने का मौका दिया गया है। डीईओ संजीव कुमार ने बताया कि पहले की स्थानांतरण नीति को रद्द कर दिया गया है, और अब केवल नए आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे। यह कदम उन शिक्षकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिन्हें व्यक्तिगत या अन्य समस्याओं के कारण स्थानांतरण की आवश्यकता है।

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