सरोज खान: 13 साल की उम्र में की पहली शादी, फिर दूसरी शादी के बाद बदला धर्म, जानें उनकी जिंदगी के अनसुने पहलु

सरोज खान, बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर, जिनका जन्म 22 नवम्बर 1948 को हुआ था, ने अपने करियर में कई सुपरहिट गानों को कोरियोग्राफ किया और भारतीय सिनेमा को अपनी अद्भुत कोरियोग्राफी से समृद्ध किया। उनका नाम आज भी बॉलीवुड के सबसे बड़े कोरियोग्राफर्स में लिया जाता है। वे उन चुनिंदा व्यक्तित्वों में थीं, जिनका करियर 40 साल से भी लंबा था, और उन्होंने कई महान हस्तियों को अपने डांस से मंत्रमुग्ध किया।
जीवन के संघर्षों से भरी कहानी
सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था, और उनका परिवार विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आकर बस गया था। महज तीन साल की उम्र में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू किया। यह कदम उनके 40 साल लंबे करियर का शुरुआती दौर था, जिसने बाद में बॉलीवुड को कई मशहूर गाने दिए।
हालांकि, उनकी निजी जिंदगी काफी संघर्षों से भरी रही। महज 13 साल की उम्र में सरोज ने अपने डांस मास्टर सोहनलाल से शादी की। उस समय सरोज को यह भी नहीं पता था कि सोहनलाल पहले से शादी-शुदा थे और उनके चार बच्चे थे। इस शादी के बाद, सरोज ने अकेले अपने बच्चों की परवरिश की, क्योंकि सोहनलाल ने अपने बच्चों को उनका नाम देने से इनकार कर दिया था और अंततः 1965 में उनका तलाक हो गया।
दूसरी शादी और धर्म परिवर्तन
अपनी पहली शादी के दुखद अनुभवों के बाद, सरोज खान ने 1975 में सरदार रोशन खान से दूसरी शादी की, जिसके बाद उन्होंने अपना धर्म बदलकर इस्लाम अपनाया। सरोज ने खुद कहा था कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय था, और वे इस्लाम धर्म से प्रेरित थीं। इस शादी से उनकी एक बेटी सुकैना खान भी हुई।
उपलब्धियां और सम्मान
अपने करियर में सरोज खान ने बॉलीवुड की कई दिग्गज अभिनेत्रियों जैसे माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, और ऐश्वर्या राय को अपनी कोरियोग्राफी से नया आकार दिया। उन्होंने ‘मिस्टर इंडिया’, ‘नगीना’, ‘तेजाब’, ‘चांदनी’, ‘बेटा’ जैसी फिल्मों के गानों को कोरियोग्राफ किया। सरोज को अपने योगदान के लिए तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया।
सरोज खान की उपलब्धियां न केवल बॉलीवुड के कोरियोग्राफरों के लिए एक प्रेरणा हैं, बल्कि उनके जीवन की कहानी भी संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास की मिसाल बनकर हमारे सामने आई है।