शराब घोटाला मामला: केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी, ट्रायल कोर्ट के फैसले को खटखटाया।

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह मामला एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन चुका है, जिसमें केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी की, जिसका फायदा कुछ कारोबारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों को हुआ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में जांच की और आरोप लगाया कि केजरीवाल समेत अन्य नेताओं ने भ्रष्टाचार और काले धन की कार्रवाई में लिप्त रहे हैं।

 

ट्रायल कोर्ट ने ED की अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लिया था और आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया था। हालांकि, केजरीवाल इस आदेश से असहमत हैं और उन्होंने हाईकोर्ट से ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को रद्द करने और मामले में आगे की कार्यवाही को रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले में आरोप निराधार हैं और उन्हें राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है।

 

हाईकोर्ट में 21 नवंबर को सुनवाई होनी है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए या नहीं। इस मामले में दिल्ली की राजनीति में बड़ा उबाल देखने को मिल सकता है, क्योंकि केजरीवाल के खिलाफ यह कार्रवाई दिल्ली में उनकी सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकती है। भाजपा और अन्य विरोधी पार्टियां इसे एक अवसर के रूप में देख रही हैं, जबकि आम आदमी पार्टी इसे राजनीतिक द्वंद्व और बदले की भावना से प्रेरित मानती है।

 

यह मामला न केवल दिल्ली की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे देश में राजनीतिक हस्तियों और उनके खिलाफ उठने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी बड़ा प्रभाव डाल सकता है। साथ ही, इससे दिल्ली सरकार के प्रशासनिक कामकाज और पार्टी की छवि पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि केजरीवाल की पार्टी ने हमेशा खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है।

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