छपरा रेलवे स्टेशन से लखनऊ भेजे गए 43 कार्टन नशीली दवाएं जब्त, तस्करी का मामला सामने

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर हाल ही में एक बड़ी तस्करी का मामला सामने आया है, जिसमें नशीली दवाओं से भरे 43 कार्टन पकड़े गए। इन कार्टनों में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन थे, जो बिहार के छपरा जंक्शन से लखनऊ भेजे गए थे। यह घटना यूपी और बिहार में हड़कंप मचा चुकी है, क्योंकि ट्रेन के जरिए नशीली दवाओं की तस्करी का एक नया तरीका सामने आया है।13 नवंबर को छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय से एक व्यक्ति, संतोष, ने “मैक्सि गुड्स” के नाम पर 43 कार्टन बुक किए थे, जिन्हें लखनऊ के राम लोटन को रिसीव करना था। ये कार्टन 15053 छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन से भेजे गए थे। जब लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर इन कार्टनों की जांच हुई, तो पता चला कि इनमें प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन थे। इसके बाद, कुछ तस्कर इन कार्टनों में से पांच कार्टन लेकर फरार हो गए।
लखनऊ रेलवे पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बिना जांच के इतना बड़ा पैमाना पर प्रतिबंधित माल कैसे बुक हुआ? छपरा जंक्शन से लखनऊ तक भेजे गए इन इंजेक्शनों के बारे में जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि यह घटना रेलवे पार्सल कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत का परिणाम हो सकती है। सामान्यत: किसी भी पार्सल को बुक करने से पहले उसकी जांच होती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।यह पहली बार नहीं है जब रेलवे के जरिए तस्करी का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी शराब की तस्करी के कई बड़े मामले ट्रेन और पार्सल के जरिए पकड़े जा चुके हैं। इस बार, लखनऊ पुलिस को शक है कि छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय में किसी तरह की मिलीभगत हो सकती है। जांच जारी है, और पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर किसी पर दोष साबित हुआ, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।