यमुना प्रदूषण: जहरीले झागों से घिरी नदी की सतह, सफेद साया हटने का नाम नहीं ले रहा

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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक होती जा रही है। यमुना नदी में जहरीला झाग और दिल्ली-एनसीआर के शहरों में बढ़ता स्मॉग इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। यमुना में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ चुका है कि इसके पानी में जहरीला झाग जमा हो गया है, जो पानी की सतह पर ग्लेशियर जैसे सफेद दिखाई दे रहे हैं। यह झाग रासायनिक अपशिष्ट और कचरे की वजह से बना है, जो न केवल पर्यावरण बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।

 

यमुना में मौजूद रसायनों और कचरे के कारण जल जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है। इसमें नहाना या इसका पानी उपयोग करना स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही, दिल्ली और आसपास के इलाकों में स्मॉग की मोटी परत ने लोगों का सांस लेना भी मुश्किल बना दिया है।

 

दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। ग्रेटर नोएडा और नोएडा जैसे क्षेत्रों में हालात और भी खराब हैं, जहां बुधवार को AQI क्रमशः 364 और 359 दर्ज किया गया था। बढ़ते वायु प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर हो रहा है, जिसमें सांस की समस्याएं, अस्थमा, और आंखों में जलन जैसी बीमारियां शामिल हैं।

 

इस बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए जल और वायु में मौजूद प्रदूषकों को नियंत्रित करने के ठोस उपायों की आवश्यकता है। सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि यमुना की सफाई और वायु गुणवत्ता सुधार के लिए प्रभावी कार्य किए जा सकें।

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