आईडी मांगने पर छात्रों का विरोध, पुलिस के साथ झड़प के बाद आयोग ने बातचीत बंद की

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने हजारों छात्र अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य यह है कि पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा को एक दिन और एक शिफ्ट में कराया जाए और नार्मलाइजेशन को रद्द किया जाए। छात्रों का यह आंदोलन कई दिनों से जारी है, लेकिन आयोग ने अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा और गुस्सा बढ़ गया है।

धरने के पहले और दूसरे दिन, जिला प्रशासन, पुलिस आयुक्त और यूपीपीएससी सचिव ने छात्रों से कई बार बातचीत की, और एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया। सचिव ने दो बार यह बयान जारी किया कि परीक्षा नियत समय पर ही होगी, लेकिन इसके बावजूद छात्रों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों का कहना है कि परीक्षा के समय में बदलाव और नार्मलाइजेशन को रद्द करने से उन्हें समान अवसर मिलेंगे, क्योंकि वर्तमान व्यवस्था से उनके भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

इसी बीच, बुधवार को सपा नेता और छात्र नेता आशुतोष पांडे को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। धरना स्थल पर जाने की कोशिश कर रहे छात्रों और पुलिस कर्मियों के बीच तीखी झड़प हुई, जब पुलिस ने छात्रों से आईडी मांगने शुरू कर दिए। कुछ छात्रों को पुलिस ने घसीटकर ले भी जाया। वहीं, मंगलवार को होर्डिंग में तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में छात्र नेता राघवेंद्र यादव और अभिषेक समेत कुछ अन्य को गिरफ्तार किया गया, और उन्हें जेल भेज दिया गया। इन गिरफ्तारियों के बाद छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया है, और आंदोलन स्थल पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।

यूपीपीएससी के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि आयोग छात्रों से संवाद करने का लगातार प्रयास कर रहा है और अगर छात्रों के पास नार्मलाइजेशन का कोई वैकल्पिक फॉर्मूला है तो आयोग उसे जरूर देखेगा। इसके लिए आयोग ने ईमेल आईडी भी जारी की है। सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 नियत समय पर ही होगी, और यह परीक्षा किसी भी बदलाव के बिना आयोजित की जाएगी। हालांकि, छात्रों का आंदोलन जारी है, और वे अब भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

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