इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर, लेकिन विधायकी बहाली पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के नेता और कानपुर के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को जमानत दे दी। कोर्ट के इस फैसले में हालांकि, सोलंकी की विधायक की पदवी बहाल नहीं की गई है। सोलंकी पर कई गंभीर आपराधिक आरोप थे, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान राज्य सरकार ने सोलंकी की सजा को बढ़ाने के लिए एक अपील भी की थी। लेकिन कोर्ट ने सरकार की इस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसके अंतर्गत सोलंकी की सजा में बढ़ोतरी की मांग की गई थी।

हाई कोर्ट का यह निर्णय राजनीति और कानून दोनों में विशेष महत्व रखता है। यह फैसला इस बात को भी इंगित करता है कि उच्च न्यायालय का उद्देश्य आरोपी के अधिकारों की रक्षा करना और न्याय की निष्पक्षता को बनाए रखना है। सोलंकी की जमानत के बावजूद, उनका विधायक पद बहाल न करना कोर्ट का संतुलित रुख दर्शाता है। कोर्ट के इस फैसले ने न केवल कानूनी क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है बल्कि राजनैतिक गलियारों में भी एक नई चर्चा को जन्म दिया है।

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