बिहार में खत्म होगा पावर कट का युग, 1400 एकड़ में बन रहा है नया थर्मल पावर प्लांट

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बिहार में अब बिजली कटौती की समस्या को स्थायी समाधान मिलने जा रहा है, क्योंकि औरंगाबाद जिले के नबीनगर में एक नए पावर प्रोजेक्ट की योजना तैयार है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 800 मेगावाट की तीन नई इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, जिससे कुल 2400 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसका निर्माण कार्य एलएंडटी कंपनी को सौंपा गया है, और यह मार्च 2025 से पहले शुरू होने की संभावना है। पहली इकाई के 2028 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है, और इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 29,947.91 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह एनटीपीसी की बिहार में किसी भी परियोजना के लिए सबसे बड़ा निवेश है।

नबीनगर पावर स्टेशन पहले से ही 1980 मेगावाट की उत्पादन क्षमता से काम कर रहा है, जिसमें से 82.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बिहार को मिलती है, यानी 1634 मेगावाट। यह नई योजना इसके उत्पादन को बढ़ाकर 5380 मेगावाट तक ले जाएगी, जिससे बिहार की बिजली आवश्यकताओं में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इससे न केवल राज्य में बिजली कटौती की समस्या खत्म होगी, बल्कि बिहार की निर्भरता अन्य राज्यों की बिजली परियोजनाओं पर भी समाप्त होगी।

इस सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के विस्तार के लिए जरूरी आधारभूत संरचनाएँ पहले से ही मौजूद हैं। परियोजना के पास 1400 एकड़ भूमि पहले से उपलब्ध है और रेलवे ट्रैक, वाटर पाइपलाइन, और कूलिंग पांड जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी स्थापित हैं। इससे प्रोजेक्ट के निर्माण में समय की बचत होगी, क्योंकि नई सुविधाओं के निर्माण के बजाय मौजूदा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने से बिहार में बिजली की स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी और राज्य के प्रत्येक हिस्से में नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। यह विकास बिहार के उद्योगों, कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।

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