दीक्षांत समारोह में अनुपस्थित छात्रों के लिए नई व्यवस्था, 30 दिन बाद घर पर पहुंचेगी डिग्री

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बीएचयू के 104वें दीक्षांत समारोह का तीन दिवसीय आयोजन 14 से 16 दिसंबर को होने जा रहा है, जिसमें विभिन्न संकायों के छात्रों को डिग्रियां दी जाएंगी। समारोह में लगभग 15,000 छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की जाएंगी, जिसमें 425 गोल्ड और 25 सिल्वर मेडल भी शामिल हैं। मुख्य समारोह स्वतंत्रता भवन सभागार में होगा, जहां बीएचयू के पूर्व छात्र और जीस्केलर कंपनी के सीईओ जय चौधरी मुख्य अतिथि होंगे।

दीक्षांत में ड्रेस कोड अनिवार्य रहेगा। छात्राओं के लिए लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी और छात्रों के लिए सफेद कुर्ता-पैजामा या धोती का ड्रेस कोड तय किया गया है। उत्तरीय पर बीएचयू के सिंह द्वार का चित्र अंकित होगा। छात्रों को उत्तरीय और साफा 7 से 13 दिसंबर के बीच वितरित किए जाएंगे, जिसके लिए 200 रुपये का भुगतान बीएचयू की वेबसाइट पर 6 दिसंबर तक करना होगा।

जो छात्र समारोह में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, उनकी डिग्रियां एक महीने बाद उनके पते पर भेज दी जाएंगी। अगर किसी छात्र का स्थाई पता बदल गया है, तो उसे इसकी सूचना परीक्षा नियंत्रक को देनी होगी।

इसके अलावा, बीएचयू ने अपने चार संबद्ध कॉलेजों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्र को इन कॉलेजों का प्रोफेसर इंचार्ज नियुक्त किया है। वह महिला महाविद्यालय, वसंता कॉलेज, डीएवी कॉलेज, और वसंत कन्या महाविद्यालय के प्रिंसिपल और प्रबंधन समिति से तालमेल स्थापित करेंगे।

बीएचयू के आईएमएस में पीएचडी शोधकर्ताओं के लिए एक संवादात्मक सत्र हुआ, जिसमें आईआईटी रुड़की के प्रो. विनय के नंगिया ने नई शिक्षा नीति के तहत बेहतर शासन और उत्तरदायित्व पर जोर दिया। उन्होंने शोधार्थियों को अपने निष्कर्ष पत्रिकाओं में प्रकाशित करने का भी आग्रह किया, जिससे शिक्षा में गुणवत्ता और शोध की पहुँच को बढ़ावा मिलेगा।

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