एनएसजी कमांडो की गोली लगने से मौत: मां बेटे से आखिरी बातचीत याद कर बेहाल, 19 नवंबर को थी शादी

एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी की संदिग्ध मौत: शादी की खुशियां बदल गईं शोक में
“तुम झूठ बोल रहे हो, मेरा बेटा जिंदा है, कल ही उसका फोन आया था और कह रहा था कि तेरी बहू बहुत अच्छी है,” यह शब्द हैं एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी की मां माधवी देवी के, जो बेटे की मौत की खबर सुनकर सदमे में हैं। उनका दिल यह मानने को तैयार नहीं है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। वह बार-बार उसे याद करती हैं और उसका नाम लेकर पुकार रही हैं।बिंदुखत्ता के खैरानी नंबर दो निवासी 30 वर्षीय कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी ने मंगलवार को अपनी मां से आखिरी बार फोन पर बात की थी। उस बातचीत में नरेंद्र बहुत खुश थे और मां से कहा था, “मां, तेरी बहू बहुत अच्छी है,” यह उनके आखिरी शब्द थे।
अब यह शब्द उनकी मां के दिल में बसी हुई हैं, और उनका दिल यह मानने को तैयार नहीं कि उनका बेटा अब कभी लौटकर नहीं आएगा।घर में खुशी का माहौल था, क्योंकि नरेंद्र की शादी 19 नवंबर को होने वाली थी। शादी के कार्ड छप चुके थे, रिश्तेदारों को निमंत्रण भेजा जा चुका था और घर में शादी की खरीदारी भी पूरी हो चुकी थी। परिवार में सब उनके घर लौटने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अचानक आई मौत की खबर ने सभी खुशियों को शोक में बदल दिया।
दिल्ली में गोली लगने से हुई संदिग्ध मौत
एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी की दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हुई। परिवार का कहना है कि मंगलवार शाम करीब 7 बजे फायर ड्रिल के दौरान गोली लगने से उनकी मौत हुई, हालांकि इस घटना को लेकर अब भी परिवार में संदेह है। नरेंद्र का पार्थिव शरीर देर रात तक बिंदुखत्ता पहुंचने की संभावना है, और गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा।
नरेंद्र सिंह भंडारी पिछले 10 सालों से एनएसजी कमांडो के रूप में देश की सेवा कर रहे थे। उनका परिवार बिंदुखत्ता में रहता है। उनके पिता स्व. गोपाल सिंह भंडारी भी पूर्व सैनिक थे, और उनके दो भाई हैं। एक भाई माधो सिंह रेलवे में लोको पायलट हैं, जबकि बड़े भाई यशवंत सिंह भंडारी एक किसान हैं। उनके परिवार में एक बहन भी है, हीरा भंडारी।नरेंद्र की शादी लोहाघाट की एक युवती से तय हुई थी और सभी लोग इस खुशी के मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, और घर में उत्साह का माहौल था। लेकिन अब यह दुखद खबर सुनकर परिवार में गहरी उदासी छा गई है।
नरेंद्र की मौत ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे गांव को भी गहरे शोक में डाल दिया है। वे एक बेहद सरल और मददगार व्यक्ति थे, हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे। अब यह सोचकर परिवार के लोग हैरान हैं कि उनका प्रिय बेटा, जो जल्द ही शादी करने वाला था, अब कभी घर नहीं लौटेगा।इस घटना ने सबको झकझोर दिया है, और परिवार के सदस्य इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे कि नरेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। यह एक ऐसी दुखद घटना है, जिसने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार के लोग अब भी इस बात को समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह घटना सचमुच एक दुर्घटना थी या कुछ और।