डेंगू का बढ़ता असर: 12 साल के बच्चे की मौत, ग्वालियर से रेफर होकर दिल्ली एम्स में चल रहा था इलाज

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शिवपुरी जिले में 12 साल के एक बच्चे की डेंगू से दुखद मृत्यु हो गई। यह जिले में इस वर्ष डेंगू से मौत का पहला मामला है। मृतक, आराध्य त्रिपाठी, शहर के कृष्णपुरम कॉलोनी का निवासी था और अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह पढ़ाई में भी काफी अच्छा था। आराध्य के पिता अभय त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि शिवपुरी जिला अस्पताल के स्टाफ ने उपचार में लापरवाही बरती, जिससे उनके बेटे की जान चली गई।

 

मामले का घटनाक्रम:

आराध्य की तबीयत खराब होने पर उसे पहले एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, जहां उसकी प्लेटलेट्स कम होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे रात 10 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल में उपचार के बाद आराध्य को ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी डेंगू की पुष्टि हुई। चूंकि उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था, इसलिए 3 नवंबर की शाम को उसे दिल्ली एम्स के लिए रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश, एम्स दिल्ली पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई।

 

परिवार का आरोप:
अभय त्रिपाठी का आरोप है कि जिला अस्पताल में 20 घंटों तक बेटे को भर्ती रखा गया, लेकिन उसकी समुचित जांच नहीं कराई गई। उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर से अनुरोध किया था, परंतु डॉक्टर ने ध्यान नहीं दिया और सीधे ग्वालियर रेफर कर दिया।

 

अस्पताल का पक्ष:

इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव का कहना है कि बच्चे को उल्टी और लूज मोशन की शिकायत के कारण भर्ती किया गया था। जांच में उसका बुखार 101 डिग्री पाया गया और सीबीसी जांच में प्लेटलेट्स 88,000 पाई गईं। स्थिति को देखते हुए तत्काल ग्वालियर रेफर करने का निर्णय लिया गया था।

यह घटना जिला अस्पताल में लापरवाही और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर करती है, जो गंभीर बीमारियों के मामलों में सुधार की जरूरत की ओर इशारा करती है।

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