ओबीसी आरक्षण की नई नियमावली: निकाय चुनावों में बदलाव की तैयारी

10 नवंबर के आस-पास नगर निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। हाल ही , एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण की रिपोर्ट सौंपी है। इसके साथ ही, आयोग ने एक अनुपूरक रिपोर्ट भी दी है, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए नियमावली तैयार की गई है, जो मुख्यमंत्री के अनुमोदन का इंतजार कर रही है। इस अनुमोदन के बाद ही यह नियमावली प्रभाव में आएगी, और तब ओबीसी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होगी।
नियमावली में ओबीसी सीटों के निर्धारण का फार्मूला भी शामिल है, जिससे पता चलेगा कि कौन से नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में ओबीसी के लिए कितने पद होंगे। इसके अलावा, जनरल, एससी और एसटी के लिए भी पदों की जानकारी दी जाएगी। फिलहाल, कई जगहों पर इस मुद्दे पर चर्चा और कयास लगाए जा रहे हैं। शहरी विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह फार्मूला ही पदों के निर्धारण में आधार बनेगा।मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद, नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण की तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। विशेष रूप से देहरादून नगर निगम और अन्य निगमों के मेयर पदों की स्थिति भी इस नियमावली के लागू होने के बाद साफ हो जाएगी।
इसके साथ ही, अगले एक सप्ताह में जिलाधिकारियों के स्तर पर ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग भी इस तैयारी में जुटा है। चुनाव की अधिसूचना के साथ ही यह तय होगा कि इस बार नगर निकाय चुनाव में ओबीसी के लिए कौन-कौन से पद आरक्षित होंगे।ओबीसी आरक्षण के लिए तैयार की गई यह नियमावली महत्वपूर्ण है। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और समाज के कमजोर वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। सरकार की इस पहल से स्थानीय निकायों में ओबीसी वर्ग के लोगों को उनके अधिकारों का लाभ मिल सकेगा।