नोएडा में प्रदूषण के कारण अस्पतालों में बढ़ती बच्चों की संख्या

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग, खासकर छोटे बच्चे, कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। नोएडा में सुबह से दोपहर तक धुंध छाई रहती है, जिससे 1 से 3 साल के बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ये बच्चे चाइल्ड पीजीआई में भर्ती हो रहे हैं, और डॉक्टरों का कहना है कि पिछले हफ्ते अस्पताल में आने वाले बच्चों की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ गई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं, इसलिए बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और बिना जरूरी काम के घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में वायु प्रदूषण में सुधार की उम्मीद नहीं है, और एक्यूआई 400 के पार जा सकता है। एक हफ्ते पहले, नोएडा और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई बेहतर स्थिति में था, लेकिन अब यह खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बावजूद, प्रदूषण को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है।
ग्रेटर नोएडा में GRAP के नियमों का सही से पालन नहीं किया जा रहा है। सड़कों पर धूल उड़ रही है और कई जगहों पर कूड़ा जलाया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे एंटी स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंकलर का उपयोग, लेकिन इससे स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
सुबह के समय नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में धुंध बढ़ती जा रही है। प्रशासन चाहे जितने भी दावे करे, जब तक तेज हवा नहीं चलती, हवा की गुणवत्ता में सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए, बच्चों और बुजुर्गों को बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि हम आने वाले दिनों में स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें।