डालमिया बाग पेड़ कटाई मामले में 31 लोगों को जेल, बिल्डर शंकर सेठ की जमानत अर्जी खारिज

वृंदावन के छटीकरा मार्ग स्थित डालमिया बाग में हाल ही में हुए एक बड़े पर्यावरणीय अपराध ने लोगों का ध्यान खींचा है। यहां पर बिल्डर शंकर सेठ और अन्य 30 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिन्होंने रातों-रात 454 हरे पेड़ों को काट डाला। इस घटना में जेसीबी और पोकलैन मशीनों का इस्तेमाल किया गया, जिससे केवल पेड़ ही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में रहने वाले वन्य जीवों का जीवन भी संकट में आ गया।
18 सितंबर की रात को यह कार्रवाई की गई, जब अचानक मशीनों द्वारा पेड़ों को काटा गया, जिससे न केवल विशाल पेड़ों का विनाश हुआ, बल्कि उनके साथ निवास करने वाले सांप और अन्य जीव भी मारे गए। इसके परिणामस्वरूप जीवों के घोंसले भी नष्ट हो गए, जो स्थानीय पारिस्थितिकी के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
न्यायालय ने मामले में बिल्डर और उसके साथियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस घटना के संबंध में 11 आरोपितों की अनुपस्थिति के चलते उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए हैं।
डालमिया बाग, जो लगभग 33 एकड़ में फैला हुआ है, में “गुरुकृपा तपोवन” नाम से एक कॉलोनी बनाने का काम चल रहा था। यह मामला केवल एक बिल्डर के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जीवों के अधिकारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण सबक है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कितना आवश्यक है और इसे नजरअंदाज करना हमारे लिए कितनी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।