HARYANA NEWS: मिशन एजुकेशन से जुड़े इतने युवाओं का हुआ चयन; परिवारों मे खुशी का माहौल
फतेहाबाद के कुछ गांवों में सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं की संख्या 20 से भी अधिक हैं। इनमें से अधिकांश युवा काफी समय से सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटे हुए थे। युवाओं को नौकरी मिलने से परिवार बेहद खुश नजर आए।
रोजाना दिहाड़ी या फिर ड्राइवरी करने वाले पिता ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके बच्चे बिना सिफारिश कोई अधिकारी बनेगा तो कोई बाबू की कुर्सी संभालेगा। फतेहाबाद पीएनबी के बैंक मैनेजर सुनील रायका द्वारा बनाए गए मिशन एजुकेशन से जुड़े 21 युवाओं का एचएसएससी द्वारा जारी परिणाम में चयन हुआ है। तीन परिवार ऐसे हैं जिनके एक घर से बहनों और भाइयों का चयन हुआ है। अधिकतर युवा ऐसे हैं जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। क्लर्क के पद पर दो बहनों प्रीति और प्रियंका का चयन हुआ है। इनके पिता शेर सिंह चालक हैं। भिरड़ाना निवासी शेर सिंह के बेटे मनोज का सचिव और मोहित का क्लर्क के पद पर चयन हुआ है। इनके पिता भी चालक हैं।
गांव भिरड़ाना निवासी मन्नत का कर इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ है और इनके पिता सुरेंद्र चालक हैं। इसके अलावा चचेरी बहन का चयन सुपरवाइजर के पद पर हुआ है और पिता नरेंद्र सिक्योरिटी गार्ड हैं।
मिशन एजुकेशन से जुड़े इन युवाओं का हुआ चयन
- चयनित युवा विभाग
- अमित बिश्नोई सचिव
- मनोज रायका सचिव
- संदीप रायका सचिव
- मोहित क्लर्क
- कृष्ण राय पुलिस
- मन्नत कर इंस्पेक्टर
- खुशी राय सुपरवाइजर
- जसपाल पुलिस
- संतोष पुलिस
- प्रियंका क्लर्क
- प्रीति रायका क्लर्क
- रामचंद्र सचिव
- राजेश सैनी तकनीकी अधिकारी
- राजेश क्लर्क
- नीरू सचिव
- कौशल जेई
- रूप क्लर्क
- पारस सचिव
- आकाश क्लर्क
- श्वेता पुलिस
- हैप्पी पुलिस
- प्रतिक्रिया
मिशन एजुकेशन से वर्ष 2019 से जुड़कर तैयारी कर रही थी। भरोसा था कि मेरा चयन होगा, क्योंकि हमें इतना तैयार किया गया है कि हम प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर सकते हैं। मेरी बहन प्रियंका का भी चयन हुआ है। मेरे पिता शेर सिंह चालक हैं। – प्रियंका, नवचयनित क्लर्क।
मेरे दोनों बेटों का चयन पहले ग्रुप डी में हुआ था और अब एक बेटा मनोज का सचिव और दूसरे बेटे मोहित का क्लर्क के पद पर चयन हुआ है। दोनों बेटों को मिशन एजुकेशन के तहत मैनेजर सुनील रायका ने पढ़ाया और हौसला दिया। मेरे परिवार में पहले कोई नौकरी नहीं लगा था लेकिन अब दोनों बेटे नौकरी लग गए हैं। – मोहन लाल, चालक, निवासी भिरड़ाना।
खुद आर्थिक तंगी झेली तो युवाओं को पढ़ाना शुरू किया निशुल्क
पीएनबी में मैनेजर सुनील रायका बताते हैं कि वर्ष 2000 में पिता जीत सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद घर की जिम्मेदारी का बोझ मां तुलसा देवी पर आ गया। मां बहनों को लेकर गांव भिरड़ाना में आ गई। यहां पर मां ने आर्थिक तंगी के बीच पढ़ाया। खुद रेगुलर की जगह घर पर ही पढ़ाई की और 2005 में गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। ओबीसी बैंक में 2009 में सफीदों में क्लर्क के पद पर ज्वाइनिंग हुई। इसके बाद 2014 में मोहाली में ऑफिसर के पद तैनात हो गए। 2017 में पदोन्नत होकर मैनेजर बन गए और नकोदर में तैनात हुए। जुलाई 2018 में भूना में बैंक मैनेजर के पद पर तैनात हुए। अब फतेहाबाद के पीएनबी में मैनेजर पद पर तैनात हैं।
ऐसे करवाते है युवाओं को तैयारी
सुनील रायका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से युवाओं को पढ़ाते हैं। ऑनलाइन पढ़ाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप मिशन एजुकेशन के नाम से बनाया गया है। इसमें 325 युवा जुड़े हैं और शाम 8 बजे के बाद इसमें ऑनलाइन पढ़ाया जाता है। ऑफलाइन पढ़ाने के लिए बैंक की ड्यूटी करने के बाद गांव में बनाए गए सेंटर पर पहुंचते हैं और युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं। इसके अलावा शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन युवाओं की परीक्षा लेते हैं ताकि शैक्षणिक स्तर का पता चल पाए। इसके अलावा जिन युवाओं का चयन हो चुका है वह भी सेंटर पर आकर पढ़ा रहे हैं।
इन गांवों में लगे युवा
जिले के कुछ गांवों में सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं की संख्या 20 से भी अधिक हैं। इनमें से अधिकांश युवा काफी समय से सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटे हुए थे। युवाओं को नौकरी मिलने से परिवार बेहद खुश नजर आए। जिले के सबसे बड़े गांव गोरखपुर के 28, भट्टू खंड के गांव ढांड के 25 और रतिया विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव भिरड़ाना के 21 युवाओं का सरकारी नौकरी में चयन हुआ है।