विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ पर चुनाव याचिका, हाई कोर्ट ने की सुनवाई”

झारखंड हाईकोर्ट में नाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक और विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। यह चुनाव याचिका संतोष हेंब्रम ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान रवींद्रनाथ महतो ने एक पंपलेट छपवाया था, जिसमें उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। प्रार्थी का दावा है कि इस दुष्प्रचार से उनके जनाधार को गंभीर नुकसान पहुंचा, जिससे उनकी चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ा। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह के अनुचित प्रचार के कारण रवींद्रनाथ महतो का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से जोरदार बहस हुई। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मुकेश दुबे ने पैरवी की, जबकि प्रतिवादी रवींद्रनाथ महतो की तरफ से अधिवक्ता अरविंद लाल और अनिल कुमार ने बहस की। इस दौरान प्रार्थी की तरफ से तीन गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई, जो याचिकाकर्ता के आरोपों को समर्थन देती हैं। वहीं, प्रतिवादी पक्ष ने अपना बचाव करते हुए रवींद्रनाथ महतो सहित कुल 12 गवाहों की गवाही दर्ज कराई।
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए, जिनमें प्रार्थी ने पंपलेट से जुड़े तथ्य और दुष्प्रचार के प्रभाव का उल्लेख किया। वहीं, प्रतिवादी पक्ष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपने निर्वाचन को वैध और कानून सम्मत बताया।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब सभी की निगाहें कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि रवींद्रनाथ महतो का निर्वाचन वैध रहेगा या रद्द किया जाएगा। यह मामला झारखंड की राजनीति और चुनावी प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें जनप्रतिनिधियों के चुनावी आचरण पर सवाल उठाए गए हैं।