कांग्रेस का बड़ा आरोप, स्मार्ट मीटर घोटाला बिहार में भ्रष्टाचार का नया चेहरा

बिहार में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने राज्यभर में व्यापक प्रदर्शन शुरू किया है। कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार गरीब जनता पर जबरन स्मार्ट मीटर थोपकर उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रही है, जबकि देश के कई अन्य राज्यों में इन मीटरों को हटा दिया गया है। इसी के तहत मुजफ्फरपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिजली विभाग के कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार की यह योजना एक साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आम लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करना है। अरविंद कुमार मुकुल ने अपने भाषण में कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में स्मार्ट मीटर लगाना जनता के लिए भारी आर्थिक बोझ बन जाएगा। उन्होंने दावा किया कि जिन राज्यों ने इस मीटर का बहिष्कार किया है, वहां की स्थिति से बिहार सरकार को सीख लेनी चाहिए थी।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह स्मार्ट मीटर एक “तुगलकी फरमान” जैसा है, जिसे जबरन जनता पर थोपा जा रहा है। अरविंद कुमार मुकुल ने सरकार पर भ्रष्टाचार और लूट का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ उच्च अधिकारी और उद्योगपति इस साजिश में शामिल हैं। विशेष रूप से उन्होंने आईएएस अधिकारी संजीव हंस का नाम लिया, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने अदानी जैसे बड़े व्यापारिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए इस योजना को आगे बढ़ाया।
कांग्रेस की मांग है कि बिहार सरकार इस योजना को तुरंत वापस ले और गरीब जनता के हितों की रक्षा करे।