देवघर, 70 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुए सिविल सर्जन

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देवघर के सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 70,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी उनके कालीबाड़ी स्थित आवास से हुई। डॉ. रंजन सिन्हा ने कथित रूप से अस्पताल से जुड़े एक काम के लिए 1.50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम उन्हें दुमका लेकर चली गई।

मामला एक स्थानीय अस्पताल के रिन्यूअल से जुड़ा है। बंगाल नर्सिंग होम के संचालक महफूज आलम ने मधुपुर में 10 बेड का एक अस्पताल खोला था, जिसका लाइसेंस 9 जून 2024 तक रिन्यू होना था। लेकिन इसी दौरान महफूज आलम को गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन कराना पड़ा, जिसके चलते वह अपने अस्पताल के रिन्यूअल में 24 दिनों की देरी कर गए।

जब उन्होंने देरी के बाद देवघर सिविल सर्जन कार्यालय में अपने अस्पताल के रिन्यूअल के लिए आवेदन जमा किया, तो कई दिनों तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने इस मुद्दे पर सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा से संपर्क किया। इसी बातचीत के दौरान सिविल सर्जन ने रिन्यूअल प्रक्रिया के लिए 1.50 लाख रुपये की मांग की।

महफूज आलम ने इसके बाद ACB से शिकायत की, जिसके आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जाल बिछाया और डॉ. रंजन सिन्हा को 70,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

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