लखीसराय नगर परिषद के खिलाफ उपसभापति का मोर्चा, 18 अक्टूबर को आमरण अनशन

लखीसराय नगर परिषद के उपसभापति शिवशंकर राम ने नगर परिषद में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और नागरिक सुविधाओं की बदहाली के खिलाफ आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है। यह अनशन 18 अक्टूबर 2024 को नगर परिषद कार्यालय परिसर में शुरू होगा। शिवशंकर राम ने अपने कदम को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और सभापति द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और शहर की समस्याओं के प्रति गंभीरता से उठाया गया एक आवश्यक कदम बताया।
उन्होंने कहा कि नगर परिषद पर हर महीने सफाई व्यवस्था पर 1 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल है। शिवशंकर राम का आरोप है कि पूरे शहर में कचरे के ढेर लगे हुए हैं और सफाई का कोई ठोस प्रबंध नहीं है। उनका कहना है कि सफाई व्यवस्था की दिक्कतों ने नागरिकों की जीवनशैली को प्रभावित किया है और उन्हें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी के बावजूद नागरिक सुविधाओं की कमी के कारण शिवशंकर राम ने नगर परिषद से कई मांगें की हैं। उन्होंने नगर के तालाबों की स्थिति को बहाल करने, गंदे पानी के बहाव को तालाबों और नदियों में जाने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। इसके साथ ही, सभी वार्डों में जलजमाव की समस्या का समाधान करने के लिए एक समिति के गठन की भी अपील की गई है।
उनकी अन्य महत्वपूर्ण मांगों में पथला घाट में रहने वाले सफाईकर्मियों और भूमिहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आवास उपलब्ध कराने की आवश्यकता शामिल है। यदि यह संभव नहीं है, तो उन्हें भूमि मुहैया कराने का भी अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन का निर्माण भी उनके प्राथमिकताओं में है, ताकि वे सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से अपनी आजीविका चला सकें।
शिवशंकर राम का यह आंदोलन लखीसराय की नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल है। उनका अनशन शहरवासियों की आवाज़ को उठाने का एक प्रयास है, जो कि स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ खड़ा होता है।