नकली शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़: आईटीआई का बोर्ड लगाकर चला रहा था धंधा

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झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान तेजी पकड़ रहा है। सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र में तकनीकी शिक्षण संस्थान की आड़ में चल रही शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ।

आदित्यपुर अंचल के उत्पाद अवर निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि गम्हरिया के छोटा गम्हरिया में स्थित आईटीआई सेंटर और एक अन्य भवन में छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान, टीम ने दोनों स्थानों से 17 ड्रम नकली शराब, विभिन्न शराब कंपनियों के स्टिकर, सैकड़ों नए ढक्कन, नकली शराब के उपकरण, क्यूआर कोड बनाने वाली मशीन, पैकिंग और सीलिंग मशीन बरामद की। यह सबूत स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि यह तकनीकी शिक्षण संस्थान केवल एक ढाल था, जिसके पीछे अवैध शराब निर्माण की गतिविधियां चल रही थीं।

जिन भवनों पर छापेमारी की गई, उनमें से एक घर के बाहर ‘मीरा सदन’ और दूसरे घर के बाहर भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आरएवी एजुकेशनल ट्रस्ट का बोर्ड लगा हुआ था, जो और भी चौंकाने वाला है। आदित्यपुर अंचल के उत्पाद अवर निरीक्षक ने बताया कि झारखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर छापेमारी अभियान को लगातार चलाया जा रहा है। इस कार्रवाई का उद्देश्य शराब माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना और नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री को रोकना है।

उत्पाद विभाग की इस कार्रवाई से शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है। चुनावी समय में ऐसे अभियानों की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है, क्योंकि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि चुनावी प्रक्रिया में अवैध गतिविधियों का कोई स्थान न हो। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अवैध शराब निर्माण और बिक्री के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।

इस तरह, झारखंड में नशीले पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो राज्य के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश को प्रभावित कर सकता है। चुनावी माहौल में यह कार्रवाई सरकार की गंभीरता को दर्शाती है और यह सुनिश्चित करती है कि नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

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