झारखंड ऊर्जा विकास निगम, 350 फर्जी बैंक खातों का खुलासा

झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड में 109 करोड़ रुपये की हेरफेरी की जांच की शुरुआत के साथ ही कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके अनुसार ऊर्जा विकास निगम के अधीन संचालित तीनों कंपनियों—झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड, झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड—के नाम से विभिन्न बैंकों में 350 फर्जी खाते खोले गए हैं।
इन फर्जी खातों के लिए निगम के कई अधिकारियों के हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया है। विशेष रूप से, जीएम कॉमर्शियल ऋषिनंदन के फर्जी हस्ताक्षर से सेंट्रल बैंक में अगस्त 2024 में खाता खोला गया, जबकि ऋषिनंदन का निधन फरवरी 2024 में हो चुका था। यह स्थिति दर्शाती है कि मामला कितना गंभीर है।
जांच कमेटी ने सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है, साथ ही संबंधित बैंकों से राशि वसूलने के लिए जवाब-तलब करने की बात भी कही गई है। यह कदम बैंकों की जिम्मेदारी तय करने के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
रिपोर्ट मिलने के बाद, विकास आयुक्त सह ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं सीएमडी झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड अविनाश कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने तीनों कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे जहां भी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की राशि जमा हैं, उनका स्पेशल ऑडिट कराया जाए।
इस मामले की जांच और कार्यवाही से झारखंड में सरकारी वित्तीय प्रबंधन की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। इसके परिणामों का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि यह मामला न केवल ऊर्जा क्षेत्र बल्कि राज्य की राजनीतिक स्थिरता पर भी प्रभाव डाल सकता है।