चुनाव का सियासी खेल: गिरिराज सिंह का किशनगंज पर बयान

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदुत्व और जातीय राजनीति पर एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी हिन्दू नहीं बन सके और चुनाव लड़ने के दौरान जाति विशेष बहुल इलाके से ही चुनाव लड़ते हैं। उनके शब्दों में एक गहरी निराशा झलकती है, जब उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा थी कि वह किशनगंज से चुनाव लड़ें, भले ही उनकी ज़मानत जब्त हो जाए, क्योंकि वह हिन्दू बनकर चुनाव लड़ना चाहते थे।
गिरिराज सिंह ने हिंदुत्व की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए 1947 के बंटवारे को एक बड़ी भूल करार दिया। उनके अनुसार, पूर्वजों ने सत्ता के लालच में हिंदुओं के लिए हिंदुस्तान और मुसलमानों के लिए पाकिस्तान का निर्माण किया, जिससे आज के भारत में कई समस्याएँ उत्पन्न हुईं। उन्होंने कहा कि यदि सभी मुसलमान पाकिस्तान चले जाते, तो आज की स्थिति अलग होती—उनकी बेटी सुरक्षित होती, लव जिहाद जैसी घटनाएं नहीं होतीं, और धार्मिक आयोजनों के दौरान हिंसा की स्थिति पैदा नहीं होती।
इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, क्योंकि गिरिराज सिंह का यह दृष्टिकोण न केवल साम्प्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देता है, बल्कि देश के सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित कर सकता है। उनका यह वक्तव्य एक ऐसे समय में आया है, जब भारत में धार्मिक और जातीय पहचान के मुद्दे और भी संवेदनशील हो गए हैं।