कांग्रेस के नेता की कश्मीर में जीत से झारखंड में खुशी का माहौल

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कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कश्मीर की दोरू विधानसभा सीट से शानदार जीत दर्ज की है, जहां उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी के मोहम्मद असरफ मल्लिक को 29,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से पराजित किया। मीर को इस चुनाव में 44,270 वोट मिले, जो उनकी लोकप्रियता और कांग्रेस की चुनावी रणनीति को दर्शाता है। उनकी इस जीत से झारखंड में कांग्रेस के नेता उत्साहित हैं और कांग्रेस कार्यालय में जश्न मनाया गया।

मीर ने जीत के बाद प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता पिछले 10 वर्षों से भाजपा के शासन से ऊब चुकी थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में कश्मीर के लोगों ने भाजपा के गैर लोकतांत्रिक और असंवैधानिक फैसलों के खिलाफ अपना मत दिया है। मीर ने स्पष्ट किया कि यह वोट कश्मीर में बदलाव के लिए है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है।

आने वाले समय में मीर ने गठबंधन के सामने कई चुनौतियों का सामना करने का संकेत दिया, लेकिन उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे मिलकर इन चुनौतियों का सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की मंशा कश्मीर के प्रति सही नहीं रही है और कश्मीर में शांति बहाल करना उनकी प्राथमिकता है।

जब मीर से पूछा गया कि क्या उन्हें मंत्री की जिम्मेदारी मिलेगी, तो उन्होंने कहा कि यह निर्णय आलाकमान और गठबंधन के हाथ में है। उनकी प्राथमिकता कश्मीर को और सुंदर बनाना और विकास के रास्ते पर ले जाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्री पद उनकी प्राथमिकता नहीं है, बल्कि घाटी का अमन-चैन सबसे पहले है।

गुलाम अहमद मीर की यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि झारखंड में कांग्रेस की आगामी विधानसभा चुनावों में भी उनकी भूमिका को मजबूत करेगी। उनकी सोच और दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि वे कश्मीर के विकास और शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं, और उनकी नेतृत्व शैली इस दिशा में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक हो सकती है।

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