गोगो दीदी योजना में नया मोड़: हेमंत सोरेन का आदेश, फॉर्म भरने पर लगेगा ब्रेक

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी के चलते, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच महिलाओं को लाभ पहुंचाने की होड़ मची हुई है। दोनों ओर से की जा रही घोषणाएं राजनीतिक तकरार का रूप ले चुकी हैं, और मामला चुनाव आयोग और कानूनी कार्रवाई तक पहुंच चुका है।
हेमंत सोरेन की सरकार ने महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सम्मान राशि देने के लिए “मंइयां योजना” लागू की है, जो काफी लोकप्रिय हो रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसके चलते सरकार को महिलाओं के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जिससे राजनीतिक विपक्ष में चिंता बढ़ गई है।
भाजपा ने इस बढ़ती लोकप्रियता का मुकाबला करने के लिए “गोगो दीदी योजना” का वादा किया है। भाजपा का दावा है कि इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महीने 2100 रुपये भेजे जाएंगे। यह न केवल एक आकर्षक प्रस्ताव है, बल्कि यह सत्ता पक्ष की योजना से अधिक आर्थिक सहायता देने का वादा करता है।
इस राजनीतिक प्रतिस्पर्धा ने महिलाओं के मुद्दों को केंद्र में ला दिया है, जिससे उन्हें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ मिलने की उम्मीद बढ़ी है। हालांकि, यह भी देखा जा रहा है कि ये घोषणाएं चुनावी रणनीति के तहत की जा रही हैं, जो चुनावी मौसम में राजनीतिक लाभ लेने के प्रयास को दर्शाती हैं।
इस तरह की योजनाएं और घोषणाएं यह दिखाती हैं कि राजनीतिक दल महिलाएं को अपने वोट बैंक के रूप में महत्व दे रहे हैं, और उनका आर्थिक सशक्तिकरण अब चुनावी प्रतिस्पर्धा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।