मालदीव के तीन दिवसीय दौरे पर विदेश मंत्री जयशंकर शुक्रवार से, चीन की बढ़ी चिंता

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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर 9 अगस्त से 11 अगस्त तक मालदीव के दौरे पर होंगे। बीते साल नवंबर में राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से ये भारत की ओर से पहली हाई लेवल आधिकारिक यात्रा है। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस नोट के जरिए इस यात्रा के बारे में जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि मालदीव भारत का अहम मेरीटाइम पड़ोसी है । ये हमारी नेबरहुड फर्स्ट और SAGAR विजन का अहम हिस्सा है। इसके अलावा इसमें दोनों देशों के रिश्तों के आयामों पर ये भी कहा गया है कि इस यात्रा से दोनों देशों को अपनी नजदीकी साझेदारी को और मजबूत करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा इस दौरे के जरिए द्विपक्षीय संबंधों के नए आयामों को तलाशने में भी मदद मिलेगी। दरअसल इससे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू जून में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण में शरीक होने के लिए भारत आए थे।

दरअसल बीते साल भारत विरोधी सेंटिमेंट की लहर पर चुनाव लड़ने के बाद नवंबर में सत्ता में आए मुइज्जू ने अपने उसी रवैये को कायम रखा था। चीन के साथ नजदीकी की खबरों के बीच मुइज्जू एक ओर ना सिर्फ भारत को असहज करने वाले बयान लगातार देते रहे, बल्कि इसके साथ ही वहां भारत की मदद से चल रहे मेडिकल इवेक्युएशन और मानवीय कामों में लगे में लगे सैन्य अधिकारियों को भारत जाने का भी अल्टीमेटम देते रहे। हालांकि इस मसले को लेकर भारत और मालदीव के बीच कई दौर की बातचीत के बाद चरणबद्ध तरीके से वहां इस स्टाफ को तकनीकी स्टाफ के साथ बदला गया। हालांकि उसके बाद मालदीव की विदेश नीति में भारत को लेकर नर्म रुख देखने को मिला और लगातार तीन महीने से मालदीव की ओर से की गई कोशिशों ने विदेश मंत्री जयशंकर के माले दौरे की पृष्ठभूमि तैयार की। मई में विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत आए थे और उसके बाद नई दिल्ली में नई सरकार के बाद मुइज्जू खुद भारत आए.

टूरिज्म और इकॉनमी पर जोर

दरअसल मालदीव के टूरिज्म मंत्री इब्राहिम फैसल जुलाई के आखिर में भारत आए, और इस दौरान उनके साथ ट्रैवल व्यापार से जुड़ी एक टीम थी, जिसका मकसद नवंबर में शुरू हो रहे टूरिज्म के नए सीजन को बढ़ावा देना था। इससे पहले मई में वो भारतीयों के टूरिज्म के जरिए अपने देश की इकॉनमी में योगदान करने की अपील कर चुके थे। दरअसल मालदीव के पर्यटन में भारतीयों का योगदान हमेशा से ही ज्यादा रहा है, हालांकि मुइज्जू सरकार के तीन जूनियर मंत्रियों की ओर से विवादास्पद ट्वीट के बाद इसमें गिरावट देखी गई थी।

एक डेटा के मुताबिक इस साल के शुरुआती चार महीनों में मालदीव में भारतीय पर्यटकों की मौजूदगी में पिछले साल के मुकाबले में 42 फीसदी की गिरावट देखी गई। इसके साथ ही मई में भारत ने मालदीव सरकार को अपना बजटीय समर्थन जारी रखते हुए मालदीव के विदेश मंत्री के भारत दौरे के दौरान 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। जाहिर है भारत की ओर से इस तरह के रुख के बाद दोनों देशों के बीच असहजता का शिकार रहे रिश्ते धीरे धीरे पटरी पर लौटे.

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