राज्यसभा के समीकरण के चलते वक्फ बिल को टाला गया? जेपीसी को भेजने के पीछे मोदी सरकार की रणनीति समझिए

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नई दिल्ली: लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के इस निचले सदन में गुरुवार को विधेयक पेश किया। उससे पहले विधेयक पर एक संक्षिप्त चर्चा हुई जिसमें पक्ष-विपक्ष के सांसदों ने हिस्सा लिया। फिर विपक्ष के उठाए सवालों का मंत्री रिजिजू ने जवाब दिया। आखिर में उन्होंने कहा कि अगर सदस्य विधेयक को विचार के लिए जेपीसी के पास भेजा जाए तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को आश्वासन दिया कि विधेयक पर विचार के लिए जेपीसी का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में यह मामला थोड़ा हटकर है जब सरकार किसी विधेयक को इतनी आसानी से जेपीसी के पास भेजने पर सहमत हो गई। तो सवाल उठता है कि क्या इसके पीछे मोदी सरकार की कोई सोची-समझी रणनीति है?

तो इसलिए सरकार ने रोक लिए वक्फ बिल?

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लोकसभा में तो पेश कर दिया गया, लेकिन राज्यसभा में इसे अगले सत्र में पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर महीने में आहूत होगा। तब तक राज्यसभा का समीकरण सत्ताधारी दल बीजेपी के पक्ष में आ जाएगा। 3 सितंबर को राज्यसभा की 12 सीटों पर होने वाले चुनावों में सत्ताधारी एनडीए के सदस्य चुने जाने की उम्मीद है। अगले सत्र से पहले अगर राज्यसभा के चार नामित सदस्यों की खाली सीटों को भर दिया गया तो सदन में सरकार का हाथ और मजबूत हो जाएगा। पिछले महीने ही ये चारों सीटें खाली हुई हैं। ये चार सदस्य आ गए तो सरकार को राज्यसभा में बहुमत पाने के लिए एआईएडीएमके जैसे बाहरी सहयोगियों की राह नहीं तकनी होगी।

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