दिल्ली मेट्रो गोल्डन लाइन: तुगलकाबाद-एरोसिटी डबल डेकर कॉरिडोर निर्माण में सुस्ती, वायाडक्ट का काम अधूरा!

दिल्ली मेट्रो गोल्डन लाइन: तुगलकाबाद-एरोसिटी डबल डेकर कॉरिडोर निर्माण में सुस्ती, वायाडक्ट का काम अधूरा!

दिल्ली मेट्रो गोल्डन लाइन

दिल्ली मेट्रो के फेज चार में निर्माणाधीन गोल्डन लाइन (तुगलकाबाद-एरोसिटी) पर डबल डेकर कॉरिडोर का निर्माण बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिससे अब तक इसका पूरा होना संभव नहीं हो पाया है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर के अधिकांश पिलर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, लेकिन पिलर पर फ्लाईओवर और मेट्रो कॉरिडोर के वायाडक्ट का काम अभी बाकी है।

गोल्डन लाइन की कुल लंबाई 23.62 किलोमीटर होगी, जिसमें से 19.34 किलोमीटर भूमिगत और संगम विहार से साकेत जी ब्लॉक तक 4.28 किलोमीटर एलिवेटेड होगा। इस एलिवेटेड हिस्से पर संगम विहार से खानपुर तक 2.4 किलोमीटर का डबल डेकर कॉरिडोर का निर्माण अगस्त 2020 में शुरू हुआ था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

महरौली-बदरपुर रोड पर यातायात का दबाव बढ़ गया है

पहले कोरोना के कारण निर्माण में देरी हुई थी, और अब कहा जा रहा है कि महरौली-बदरपुर रोड पर वाहनों का दबाव अधिक है। संगम विहार से खानपुर के बीच जहां डबल डेकर कॉरिडोर का काम चल रहा है, वहां सड़क की चौड़ाई बहुत अधिक नहीं है। इसी कारण से निर्माण धीमी गति से हो रहा है, ताकि यातायात पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

मेट्रो के एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है

योजना के अनुसार, सड़क से 9.3 मीटर की ऊंचाई पर छह लेन का फ्लाईओवर और इसके ऊपर लगभग नौ मीटर की ऊंचाई पर मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर के पिलर डबल डेकर आकार में बनते नजर आ रहे हैं। पिलर के ऊपर वायाडक्ट के निर्माण के लिए पहले से तैयार यू-गार्डर चढ़ाया जाएगा। डीएमआरसी का कहना है कि अब तक गोल्डन लाइन का 49 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, और भूमिगत कॉरिडोर का काम तेजी से प्रगति पर है। इसे मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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