एमसीडी में आप पार्षदों के रुख से बदला सियासी समीकरण

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MCD Latest News: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) को झटका देते हुए पार्टी के पांच पार्षद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. इससे एमसीडी की स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) में बीजेपी के बहुमत की संभावना बढ़ गई है. बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप पार्षदों के पार्टी में शामिल होने के बाद आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार तथा आम आदमी पार्टी नेताओं के लिए भीड़ जुटाने के दबाव के कारण ये पार्षद परेशान थे.

बीजेपी की दिल्ली इकाई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि आप के जो पार्षद बीजेपी में शामिल हुए हैं, उनमें रामचंद्र (वार्ड 28), पवन सहरावत (वार्ड 30), ममता पवन (वार्ड 177), सुगंधा बिधूड़ी (वार्ड 178) और वार्ड 180 की मंजू निर्मल शामिल हैं. दिल्ली नगर निगम में दल-बदल रोधी कानून लागू नहीं हैं. यह कानून एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होने वाले सांसदों और विधायकों को दंडित करता है. दल-बदल रोधी कानून 1985 में पारित हुआ था.

बीजेपी की दिल्ली इकाई के नेता ने बताया कि पांच पार्षदों के शामिल होने से बीजेपी को एमसीडी की 12 वार्ड समितियों में से सात में बहुमत हासिल हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आम आदमी पार्टी चुनाव होने देती है तो पूरी संभावना है कि हमें स्थायी समिति के चुनावों में बहुमत मिलेगा.’’

मेयर ने निगम को दिया था चुनाव कराने का आदेश 

एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय ने इस सप्ताह की शुरुआत में नगर निगम सचिव को एक आदेश जारी कर वार्ड समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ-साथ एमसीडी के 12 जोन से स्थायी समिति के लिए एक-एक सदस्य के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था.

अब ये है एमसीडी में नया सियासी समीकरण

साल 2022 में हुए एमसीडी चुनाव में आप ने 250 में से 134 वार्ड में जीत हासिल की थी. कुछ पार्षदों के पाला बदलने के बाद अब पार्टी के पास 127 पार्षद हैं. बीजेपी के अब एमसीडी में 112 पार्षद हो गए हैं. कांग्रेस के नौ पार्षद हैं. साल 2022 में एमसीडी चुनाव के बाद कांग्रेस ने तटस्थ रुख का परिचय ​दिया था.

हालांकि, बाद में लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने से कांग्रेस का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला था, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच गठबंधन टूटने से दिल्ली में सियासी समीकरण एक बार फिर बदल गया है. बदले हालात में आप को कांग्रेस का पहले की तरह समर्थन मिलना मुश्किल है.

डीएमसी अधिनियम के अनुसार 18 सदस्यीय स्थायी समिति में से छह सदस्य सदन से चुने जाते हैं, जबकि शेष 12 सदस्य नगर निकाय के 12 क्षेत्रों में गठित वार्ड समितियों से चुने जाते हैं. एमसीडी सदन से चुने जाने वाले छह सदस्यों में बीजेपी-आप के तीन पार्षद चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. भाजपा सदस्य कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली से सांसद चुने जाने के कारण एक पद रिक्त है.

25 अगस्त को नरेला जोन से दो और सेंट्रल जोन से 3 पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी को कुल 12 में से सात जोन में बहुमत मिल गया है. पांच जोन (शाहदरा नॉर्थ जोन, शाहदरा साउथ जोन, केशवपुरम जोन, नजफगढ़ जोन और सिविल लाइंस जोन) में बीजेपी  बहुमत में थी. अब AAP के पांच पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद उसका बहुमत सेंट्रल और नरेला जोन में भी हो गया है. ऐसे में स्टैंडिंग कमेटी के 18 सदस्यों में नौ बीजेपी और आठ आम आदमी पार्टी के हैं. एक सीट अभी खाली है.

आम आदमी पार्टी का बहुमत एमसीडी के 12 में से 5 जोन (साउथ जोन, वेस्ट जोन, रोहिणी जोन, सिटी सदर-पहाड़गंज जोन, करोलबाग जोन) में रह गया है. यानि 5 पार्षदों के बीजेपी में जाने से आम आदमी पार्टी के हाथ से सेंट्रल जोन और नरेल जोन निकल गए हैं.

दिल्ली की जनता देगी जवाब 

फिलहाल, बीजेपी में पांच पार्षदों के शामिल होने पर आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया है कि दिल्ली की जनता बीजेपी को करारा जवाब देगी. आप की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आप एक ऐसी पार्टी है, जो कट्टर ईमानदारी और देशभक्ति की भावना रखती है. बीजेपी के सामने झुकने के बजाय जेल का सामना करने को तैयार है. हम बाबा साहेब आंबेडकर और भगत सिंह के रास्ते पर चलते हैं. हम बीजेपी की की खरीद-फरोख्त की रणनीति से नहीं डरेंगे.

आप ने कहा, ‘‘बीजेपी चाहे जितनी भी गंदी चाल चल ले, चुनाव में उसकी जमानत जब्त हो जाएगी. पिछले चुनाव में उन्होंने सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे.’’  बता दें कि एमसीडी में बहुमत वाली आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के गठन के मुद्दे पर टकराव हुआ था, जिसके बाद मामला अदालत में चला गया था.

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