अनूपपुर: मकर संक्रांति पर अमरकंटक में 75 हजार श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में किया पवित्र स्नान, मोक्ष की प्रार्थना

अनूपपुर: मकर संक्रांति पर अमरकंटक में 75 हजार श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में किया पवित्र स्नान, मोक्ष की प्रार्थना

तीर्थराज नगरी अमरकंटक में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मंगलवार को 75 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी के विभिन्न घाटों, जैसे कुंड, रामघाट और पुष्कर में स्नान कर मोक्ष की कामना की।

ठंड के बावजूद लोगों की आस्था दृढ़ बनी रही और उन्होंने तिल और दीपदान के साथ पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन सतर्क रहा। जगह-जगह ट्रैफिक पुलिस और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। अधिकारियों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, ताकि किसी श्रद्धालु को असुविधा न हो।

नर्मदा मंदिर के पुजारी पंडित सुनील प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि मकर संक्रांति हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इस दिन नर्मदा स्नान करने से भक्तों को पुण्य प्राप्त होता है। इसे शुभ कार्यों की शुरुआत का दिन माना जाता है।

श्रद्धालु यहां स्नान के साथ दान-पुण्य कर अपने जीवन को धन्य मानते हैं। इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों और आश्रमों में विशेष अनुष्ठान और हवन-पूजन का आयोजन हुआ। साथ ही, कई स्थानों पर भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

श्रद्धालु अत्यंत उत्साह के साथ पर्व मनाते नजर आए। दूर-दराज से आए लोगों ने इस पवित्र नगरी में स्नान और दर्शन कर अपने जीवन को धन्य माना। एक श्रद्धालु ने कहा कि वह हर साल मकर संक्रांति पर अमरकंटक आते हैं और नर्मदा स्नान और मंदिर दर्शन से उन्हें आत्मिक शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है।

इस प्रकार, अमरकंटक में मकर संक्रांति के पर्व पर आस्था और श्रद्धा का भव्य संगम देखने को मिला।

मकर संक्रांति के पावन अवसर पर अमरकंटक में गोंडवाना समाज के लोगों ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए नवोदय विद्यालय के समीप से भव्य रैली निकाली। गाजे-बाजे और पारंपरिक वेशभूषा में सजे महिला-पुरुषों ने पारंपरिक अस्त्र-शस्त्रों के साथ नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए जयघोष के नारे लगाए। इस रैली में गोंडवाना समाज के लोग नाचते-गाते और झूमते हुए बड़ी संख्या में शामिल हुए।

रैली के समापन के बाद नवोदय विद्यालय के समीप विशाल मैदान में आम सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में समाज के सभी प्रमुख लोगों ने दादा हीरा सिंह मरकाम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।

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