“हाथरस हत्याकांड में आरोपी का चौंकाने वाला खुलासा, कक्षा 8 के छात्र ने बताया हत्या का कारण”

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हाथरस में हुए कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या का खुलासा रोंगटे खड़ा कर देने वाला है। कृतार्थ की हत्या कक्षा आठ के एक छात्र ने स्कूल की छुट्टी कराने के लिए की थी। पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता था और वह आए दिन स्कूल की छुट्टी कराने के तरीके तलाशता रहता था।

पहले भी वह हॉस्टल में दो छात्रों को मारने की कोशिश कर चुका था, लेकिन सफल हो नहीं पाया। आरोपी किशोर ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि उसने एक वीडियो देखी थी जिसमें दिखाया गया था कि एक छात्र की मौत होने पर स्कूल कई दिनों के लिए बंद हो गया था।

Hathras Murder Case class 8 student had killed Kritarth to get school closed

सहपऊ क्षेत्र के गांव तुरसेन निवासी श्रीकृष्ण का बेटा कृतार्थ डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां में कक्षा दो का छात्र था। वह स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। 22 सितंबर की रात को हॉस्टल के हॉल में उसकी हत्या कर दी गई थी। उस वक्त पुलिस ने स्कूल प्रबंधक, उसके पिता, प्रिंसिपल और दो शिक्षकों को जेल भेजकर खुलासा करने का दावा किया था।
23 दिसंबर को पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
कहा गया था कि तंत्र मंत्र के लिए बच्चे की हत्या की गई। लेकिन 23 दिसंबर को पुलिस ने जो अदालत में चार्जशीट दाखिल की है उसमें कृतार्थ का कातिल हॉस्टल में ही रहने वाले कक्षा आठ के छात्र को ठहराया है। आरोपी छात्र मथुरा कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले का बताया जा रहा है। इसी साल उसने इस विद्यालय में प्रवेश लिया था। पुलिस ने चार्जशीट में जो आरोपी छात्र का कबूलनामा दर्ज किया है, वह चौंकाने वाला है।

‘मेरा यहां एक भी दिन मन नहीं लग रहा था’
छात्र ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मैंने इसी साल कक्षा आठ में डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां में प्रवेश लिया था। मैं व मेरे दो भाई भी इसी स्कूल के आवासीय हॉस्टल में रहकर पढ़ते थे। हम लोगों के दाखिला जुलाई (2024) में हुए थे। तभी से मैं इस स्कूल में पढ़ रहा था। मेरा यहां एक भी दिन मन नहीं लग रहा था, मैं चाहता था कि कैसे भी मैं यहां से अपने घर चला जाऊं।
Hathras Murder Case class 8 student had killed Kritarth to get school closed
कुछ दिन पहले मोबाइल पर देखा था कि अगर किसी स्कूल में बच्चे की मौत हो जाती है तो स्कूल कई दिनों के लिए बंद हो जाता है। बस मेरे दिमाग में भी यही प्लान आने लगे। मैंने सोचा कि अगर किसी छोटी क्लास के बच्चे का गला दबा दूंगा तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और वह शोर भी नहीं मचा सकेगा। मैंने यह बात हॉस्टल में रहने वाले राजस्थान के बच्चों को भी बताई थी। लेकिन उन्होंने मजाक में ले लिया था। लेकिन मैं मौके की फिराक में लग गया था। 22 सितंबर की रात को कृतार्थ की हत्या कर दी थी।

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