“हाथरस हत्याकांड में आरोपी का चौंकाने वाला खुलासा, कक्षा 8 के छात्र ने बताया हत्या का कारण”
Jessica Singh December 26, 2024
हाथरस में हुए कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या का खुलासा रोंगटे खड़ा कर देने वाला है। कृतार्थ की हत्या कक्षा आठ के एक छात्र ने स्कूल की छुट्टी कराने के लिए की थी। पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता था और वह आए दिन स्कूल की छुट्टी कराने के तरीके तलाशता रहता था।
पहले भी वह हॉस्टल में दो छात्रों को मारने की कोशिश कर चुका था, लेकिन सफल हो नहीं पाया। आरोपी किशोर ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि उसने एक वीडियो देखी थी जिसमें दिखाया गया था कि एक छात्र की मौत होने पर स्कूल कई दिनों के लिए बंद हो गया था।

सहपऊ क्षेत्र के गांव तुरसेन निवासी श्रीकृष्ण का बेटा कृतार्थ डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां में कक्षा दो का छात्र था। वह स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। 22 सितंबर की रात को हॉस्टल के हॉल में उसकी हत्या कर दी गई थी। उस वक्त पुलिस ने स्कूल प्रबंधक, उसके पिता, प्रिंसिपल और दो शिक्षकों को जेल भेजकर खुलासा करने का दावा किया था।
23 दिसंबर को पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
कहा गया था कि तंत्र मंत्र के लिए बच्चे की हत्या की गई। लेकिन 23 दिसंबर को पुलिस ने जो अदालत में चार्जशीट दाखिल की है उसमें कृतार्थ का कातिल हॉस्टल में ही रहने वाले कक्षा आठ के छात्र को ठहराया है। आरोपी छात्र मथुरा कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले का बताया जा रहा है। इसी साल उसने इस विद्यालय में प्रवेश लिया था। पुलिस ने चार्जशीट में जो आरोपी छात्र का कबूलनामा दर्ज किया है, वह चौंकाने वाला है।
कहा गया था कि तंत्र मंत्र के लिए बच्चे की हत्या की गई। लेकिन 23 दिसंबर को पुलिस ने जो अदालत में चार्जशीट दाखिल की है उसमें कृतार्थ का कातिल हॉस्टल में ही रहने वाले कक्षा आठ के छात्र को ठहराया है। आरोपी छात्र मथुरा कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले का बताया जा रहा है। इसी साल उसने इस विद्यालय में प्रवेश लिया था। पुलिस ने चार्जशीट में जो आरोपी छात्र का कबूलनामा दर्ज किया है, वह चौंकाने वाला है।
‘मेरा यहां एक भी दिन मन नहीं लग रहा था’
छात्र ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मैंने इसी साल कक्षा आठ में डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां में प्रवेश लिया था। मैं व मेरे दो भाई भी इसी स्कूल के आवासीय हॉस्टल में रहकर पढ़ते थे। हम लोगों के दाखिला जुलाई (2024) में हुए थे। तभी से मैं इस स्कूल में पढ़ रहा था। मेरा यहां एक भी दिन मन नहीं लग रहा था, मैं चाहता था कि कैसे भी मैं यहां से अपने घर चला जाऊं।
छात्र ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मैंने इसी साल कक्षा आठ में डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां में प्रवेश लिया था। मैं व मेरे दो भाई भी इसी स्कूल के आवासीय हॉस्टल में रहकर पढ़ते थे। हम लोगों के दाखिला जुलाई (2024) में हुए थे। तभी से मैं इस स्कूल में पढ़ रहा था। मेरा यहां एक भी दिन मन नहीं लग रहा था, मैं चाहता था कि कैसे भी मैं यहां से अपने घर चला जाऊं।

कुछ दिन पहले मोबाइल पर देखा था कि अगर किसी स्कूल में बच्चे की मौत हो जाती है तो स्कूल कई दिनों के लिए बंद हो जाता है। बस मेरे दिमाग में भी यही प्लान आने लगे। मैंने सोचा कि अगर किसी छोटी क्लास के बच्चे का गला दबा दूंगा तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और वह शोर भी नहीं मचा सकेगा। मैंने यह बात हॉस्टल में रहने वाले राजस्थान के बच्चों को भी बताई थी। लेकिन उन्होंने मजाक में ले लिया था। लेकिन मैं मौके की फिराक में लग गया था। 22 सितंबर की रात को कृतार्थ की हत्या कर दी थी।

Hathras Murder Case
कैसे मारा था कृतार्थ को…पढ़िए आरोपी का कबूलनामा
22 सितंबर की रात थी। सभी बच्चे हॉल में सो रहे थे। मेरा छोटा भाई और कृतार्थ फर्श पर गद्दा लगाकर सोए हुए थे। मैं भी उसी हॉल में था। जब देखा कि सभी सो गए हैं तो मैं अपने बिस्तर से उठा और कृतार्थ के पास जाकर लेट गया। मेरे पास लाल रंग का अंगोछा था। मैने धीरे-धीरे से अंगोछा कृतार्थ के गले में कस दिया। बाद में पूरी ताकत लगाकर खींच दिया।
22 सितंबर की रात थी। सभी बच्चे हॉल में सो रहे थे। मेरा छोटा भाई और कृतार्थ फर्श पर गद्दा लगाकर सोए हुए थे। मैं भी उसी हॉल में था। जब देखा कि सभी सो गए हैं तो मैं अपने बिस्तर से उठा और कृतार्थ के पास जाकर लेट गया। मेरे पास लाल रंग का अंगोछा था। मैने धीरे-धीरे से अंगोछा कृतार्थ के गले में कस दिया। बाद में पूरी ताकत लगाकर खींच दिया।

कृतार्थ कुछ देर के लिए तड़पा और फिर शांत हो गया। इसी दौरान मैंने देखा कि एक बच्चा पेशाब करने के लिए उठा तो मैं खामोश होकर कृतार्थ के पास लेट गया। जब बच्चा अपने बिस्तर पर जाकर लेट गया तो मैं भी कृतार्थ के पास से उठा और वापस अपने बिस्तर पर चला गया।

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Hathras Murder Case – फोटो : अमर उजाला
एक नजर में घटनाक्रम
23 सितंबर – डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां के प्रबंधक की गाड़ी में सादाबाद में चौराहे पर मिला था कृतार्थ शव।
23 सितंबर – कृतार्थ की हत्या में प्रबंधक दिनेश बघेल व 4-5 अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा।
24 सितंबर– पोस्टमार्टम में कृतार्थ की गला दबाकर हत्या की हुई थी पुष्टि।
26 सितंबर – हत्या में आरोपी में दिनेश बघेल, उसके पिता जसोदन उर्फ भगत जी, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मण सिंह , वीरपाल को गिरफ्तार किया गया।
23 सितंबर – डीएल पब्लिक स्कूल रसगवां के प्रबंधक की गाड़ी में सादाबाद में चौराहे पर मिला था कृतार्थ शव।
23 सितंबर – कृतार्थ की हत्या में प्रबंधक दिनेश बघेल व 4-5 अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा।
24 सितंबर– पोस्टमार्टम में कृतार्थ की गला दबाकर हत्या की हुई थी पुष्टि।
26 सितंबर – हत्या में आरोपी में दिनेश बघेल, उसके पिता जसोदन उर्फ भगत जी, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मण सिंह , वीरपाल को गिरफ्तार किया गया।

16 दिसंबर – इस मामले में बाल अपचारी को आरोपी बनाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया।
23 दिसंबर – सहपऊ पुलिस ने कृतार्थ की हत्या में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। इस आरोप पत्र में स्कूल के छात्र 14 वर्षीय को घटना का मुख्य आरोपी बनाया और कारागार में निरुद्ध पांचों आरोपियों पर साक्ष्य विलोपन का आरोप लगाया। अन्य धाराओं हटा दिया।
23 दिसंबर – न्यायालय ने आरोप पत्र का संज्ञान लिया।
24 दिसंबर – कृतार्थ हत्याकांड में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को जमानत दी गई।
23 दिसंबर – सहपऊ पुलिस ने कृतार्थ की हत्या में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। इस आरोप पत्र में स्कूल के छात्र 14 वर्षीय को घटना का मुख्य आरोपी बनाया और कारागार में निरुद्ध पांचों आरोपियों पर साक्ष्य विलोपन का आरोप लगाया। अन्य धाराओं हटा दिया।
23 दिसंबर – न्यायालय ने आरोप पत्र का संज्ञान लिया।
24 दिसंबर – कृतार्थ हत्याकांड में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को जमानत दी गई।

पार्थ गौतम
बोले अधिवक्ता
पुलिस द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र के विरुद्ध चार्ज शीट को उच्च न्यायलय में चुनौती याचिका दायर की जाएगी। अभी हम इन आरोपों से भी संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस द्वारा उपरोक्त मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जानी थी। चूंकि अभियुक्तगण पूर्णत: निर्दोष हैं।-पार्थ गौतम, अधिवक्ता
पुलिस द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र के विरुद्ध चार्ज शीट को उच्च न्यायलय में चुनौती याचिका दायर की जाएगी। अभी हम इन आरोपों से भी संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस द्वारा उपरोक्त मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जानी थी। चूंकि अभियुक्तगण पूर्णत: निर्दोष हैं।-पार्थ गौतम, अधिवक्ता