बाल विवाह पर रोक: नाबालिग की शादी से पहले पुलिस ने किया हस्तक्षेप

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किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के चुरली पंचायत में एक नाबालिग लड़की की शादी को पुलिस-प्रशासन ने समय पर हस्तक्षेप कर रुकवा दिया। यह मामला वार्ड संख्या 3 का है, जहां 17 वर्षीय लड़की की शादी की तैयारी हो चुकी थी। घर में पंडाल सजा था, भोजन तैयार था, और बारात आने ही वाली थी। हालांकि, स्थानीय जन प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठन के प्रयासों से समय रहते इस बाल विवाह को रोका गया।

 

जन निर्माण केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक मुजाहिद आलम को जब इस शादी की सूचना मिली, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी। अनुमंडल पदाधिकारी ने तुरंत एक टीम गठित की, जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी, कुर्लीकोर्ट थाना अध्यक्ष और पुलिस बल शामिल थे। साथ ही, जन निर्माण केंद्र की टीम को भी शामिल किया गया। मंगलवार रात टीम सूचना स्थल पर पहुंची और शादी को रोकने की प्रक्रिया शुरू की।

 

स्थानीय जन प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मदद से लड़की के माता-पिता को समझाया गया। उन्हें बाल विवाह के दुष्प्रभाव और कानूनी परिणामों के बारे में विस्तार से बताया गया। माता-पिता ने बच्ची की शादी रद्द करने और 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद ही शादी कराने का वादा किया। इस आश्वासन को कानूनी रूप से मान्य करने के लिए माता-पिता से शपथ पत्र भी भरवाया गया।

 

इस पूरी प्रक्रिया में प्रशासन और पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि शादी की पूरी तैयारियां पहले ही हो चुकी थीं। इस घटना से यह संदेश गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, जिसे कानून और जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है। प्रशासन की तत्परता और सामाजिक संगठनों के प्रयास से एक नाबालिग बच्ची का भविष्य बचाया गया।

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