महाराजगंज में शिक्षा का स्तर बढ़ा: प्राइमरी से लेकर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक संचालित होंगे स्कूल

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बिना पंजीयन के स्कूलों का संचालन और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की समस्या अब बिहार के पनियरा ब्लॉक में गंभीर रूप ले चुकी है। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा सभी स्कूलों को यू-डायस नंबर प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है, लेकिन पनियरा ब्लॉक में कुछ स्कूलों के खिलाफ मान्यता की शर्तों का उल्लंघन हो रहा है। इन स्कूलों में कक्षा संचालन से लेकर परीक्षा फार्म भरवाने तक की गतिविधियां बेखौफ तरीके से चल रही हैं।

 

एक प्रमुख उदाहरण के तौर पर, मुजुरी में एक स्कूल की मान्यता प्राइमरी तक है, लेकिन वहां हाई स्कूल तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इसी क्षेत्र में एक और स्कूल है, जिसकी मान्यता केवल माध्यमिक तक है, लेकिन वहां इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई कराई जा रही है। यह स्कूल अपनी मान्यता से ज्यादा कक्षाओं का संचालन करके बच्चों से फीस वसूल कर रहे हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि, इन स्कूलों के विद्यार्थियों का परीक्षा फार्म अन्यत्र से भरवाया जा रहा है और प्रमाणपत्र भी गैरकानूनी तरीके से प्राप्त कराए जा रहे हैं।

 

इन मनमानी स्कूलों की कार्यप्रणाली का मुख्य कारण पिछड़े इलाकों में अवबोधन है, जहां अभिभावक ये समझने में सक्षम नहीं होते कि उनके बच्चों को किस कक्षा में प्रवेश दिया जा रहा है और उस कक्षा की मान्यता क्या है। नतीजतन, ये स्कूल फर्जी तरीके से शिक्षा देने के साथ-साथ बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं।

 

बिहार शिक्षा विभाग को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि इन स्कूलों का संचालन और परीक्षाएं भरवाने की प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। हालांकि, विभाग के पास जांच की कमी और आवश्यक संसाधनों की कमी है, जिसके कारण इन फर्जी स्कूलों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही और उनका धंधा जारी है।

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