Delhi NCR News: “दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसे अधिकारी, करोड़पति कारोबारी से मांगे थे 5 करोड़”

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Ghaziabad: दुष्कर्म के झूठे आरोप में पीड़ित की पत्नी से 32 लाख रुपये लेने के आरोप में चल रही जांच में तत्कालीन थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई है। अधिकारियों ने जांच पूरी होने के बाद पांचों पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। पुलिस कर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने दुष्कर्म के झूठे मामले में कारोबारी को जेल भेजा था। इस मामले को हल्का करने के लिए कारोबारी की पत्नी से पैसे लिए थे। जेल से आने के बाद कारोबारी ने इस मामले की शिकायत अधिकारियों से की थी।

डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि तत्कालीन कौशांबी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभात दीक्षित, दारोगा अंकित तरार, इंस्पेक्टर गिरिराज सिंह, साइबर सेल प्रभारी रहे इंस्पेक्टर अनिल यादव, दारोगा रीगल देशवाल की लापरवाही सामने आई है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक समझौते के एवज में पांच करोड़ रुपये मांगे थे। पैसे न देने पर युवती ने शिकायत वापस नहीं ली और पुलिस ने कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया था। करीब तीन महीने बाद कारोबारी को जमानत मिली तो उन्होंने पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र से शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों ने उनकी पत्नी से मामले को हल्का करने के एवज में 32 लाख रुपये भी ले लिए थे। एसीपी सिद्धार्थ गौतम की प्राथमिक जांच में दुष्कर्म के आरोप झूठे पाए गए। साथ ही विवेचना में भी तथ्यों को दरकिनार किए जाने की बात सामने आई। जांच रिपोर्ट के आधार पर कौशांबी थाने में कारोबारी की तहरीर पर युवती के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था।

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