Chhath Puja 2024: महापर्व छठ का तीसरा दिन, लाखों व्रती अर्पित करेंगे भगवान भास्कर को अर्घ्य

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आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, और इस दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा। छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय खाय से होती है, जिसमें व्रति विशेष रूप से स्नान और उपवासी रहते हैं। फिर पंचमी को खरना होता है, जिसमें व्रति उपवासी रहते हुए प्रसाद ग्रहण करते हैं। षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर यह व्रत समाप्त होता है। यह चार दिवसीय पर्व सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा-अर्चना पर आधारित होता है, और यह व्रत बेहद कठिन माना जाता है, क्योंकि इसे 36 घंटे तक कठोर नियमों का पालन करते हुए रखा जाता है।

आज के दिन, 5:04 बजे सायं सूर्यास्त होगा, और इस समय भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। सूर्य की पूजा के विशेष लाभ होते हैं, और इसे मुख्य रूप से तीन समयों में लाभकारी माना जाता है – प्रातः, मध्यान्ह और सायंकाल। प्रातः सूर्य की उपासना से स्वास्थ्य लाभ होता है, मध्यान्ह में यह नाम-यश का दायरा बढ़ाता है, और सायं सूर्य की पूजा से सम्पन्नता प्राप्त होती है। विशेष रूप से अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा का महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि यह तुरंत प्रभावी होती है।

पटना में इस वर्ष छठ महापर्व के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। जिले के 102 गंगा घाटों, 63 तालाबों और 45 पार्कों में यह महापर्व मनाया जा रहा है, और यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी। मुख्य घाटों में कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रु घाट, दीघा घाट, जेपी सेतु घाट, और गाय घाट प्रमुख हैं। प्रशासन ने इस दौरान पूरी तैयारी की है। घाटों पर महिला व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम, सुरक्षा व्यवस्था के लिए वाच टावर, शौचालय, पीने के पानी, मेडिकल कैंप, और भीड़ नियंत्रण के लिए माइक और नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की गई है। पार्किंग से घाटों की दूरी 200 से 500 मीटर तक रखी गई है, और सुरक्षा के लिए पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने छठ पर्व की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था पूरी कर ली है, और उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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