झारखंड में शिक्षा के लिए बड़ा कदम: पारदेशीय छात्रवृत्ति का कोटा दोगुना

झारखंड सरकार ने ‘मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति’ योजना के तहत पात्र छात्रों की संख्या को 25 से बढ़ाकर 50 करने का निर्णय लिया है। यह महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष अनुसूचित जनजाति के 20 छात्र, अनुसूचित जाति के 10 छात्र, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 14 छात्र, और अल्पसंख्यक समुदाय के 6 छात्र लाभान्वित होंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 81 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें एक प्रमुख प्रस्ताव था राज्य संचालित मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में ‘मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर’ की स्थापना का। इसके लिए 35.69 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो चिकित्सा सेवाओं में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके साथ ही, नवी मुंबई में 136.95 करोड़ रुपये के निवेश से झारखंड भवन के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। यह भवन राज्य के विकास और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
मंत्रिमंडल ने 2024-25 में राज्य के 13 मध्य विद्यालयों को माध्यमिक उच्च विद्यालयों में परिवर्तित करने की स्वीकृति भी दी है, जिससे शिक्षा का स्तर और अधिक ऊँचा उठ सकेगा। चतरा में 10.93 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लिए 43 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जो क्षेत्र के विकास में योगदान देगा।
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं सदर अस्पताल में एमआरआई मशीन की खरीद के लिए 1 अरब रुपये की स्वीकृति भी दी गई है। इससे अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार होगा, जिससे मरीजों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
इन सभी निर्णयों का उद्देश्य झारखंड राज्य के समग्र विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है। सरकार की ये पहलकदमी राज्य के निवासियों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने और समाज में समानता को बढ़ावा देने में सहायक होगी।