कालांवाली में खुला नशे का बाजार: सब्जियों की तरह बिक रहा मेडिकल नशा, लंबी-लंबी लाइनें!

कालांवाली में खुला नशे का बाजार: सब्जियों की तरह बिक रहा मेडिकल नशा, लंबी-लंबी लाइनें!

कालांवाली में खुला नशे का बाजार

कालांवाली में इन दिनों मेडिकल नशा सब्जियों, जैसे आलू और गोभी की तरह बिक रहा है। एक कहावत है कि जब कोई चीज खरीदनी होती है, तो अक्सर कहा जाता है, “क्या आलू गोभी है?” यहां सुबह से ही मुख्य फाटक से रेलवे स्टेशन के सामने गुरुद्वारा साहिब तक मेडिकल नशा खरीदने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग जाती हैं, और नशे का कारोबार शुरू हो जाता है।

एक अनुमान के मुताबिक, नशा बेचने वालों की संख्या एक दर्जन के करीब होती है, जबकि खरीदने वाले सैंकड़ों में होते हैं। सुबह-सुबह ऐसा लगता है जैसे किसी राजनीतिक दल की रैली के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है। हालांकि, यह संभव नहीं कि किसी को यह न पता हो कि ये लोग कौन हैं और क्या कर रहे हैं, क्योंकि सुबह से शाम तक यह गतिविधि चलती रहती है। कई लोग डर के मारे शिकायत तक नहीं करते, और अगर शिकायत की भी जाए, तो कोई कार्रवाई नहीं होती। नशा बेचने वालों के हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।

सूत्रों से पता चला है कि नशा बेचने वाले और नशा करने वाले लोगों को पुलिस नहीं पकड़ सकती, क्योंकि पुलिस की मजबूरी है। नशे के रूप में इस्तेमाल होने वाली गोलियां और कैप्सूल दर्द की दवाइयां हैं, जो एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत नहीं आतीं। इसलिए, पुलिस इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकती। ड्रग विभाग के अनुसार, ये गोलियां और कैप्सूल दर्द की दवाइयां हैं, जिन्हें रूटीन में बेचा जा सकता है।

अब चुनाव का समय है, और हर राजनीतिक दल नशे को बंद करने की बात करेगा, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होंगे, यह मुद्दा भुला दिया जाएगा। नशे की चपेट में छोटे बच्चे और युवा आ रहे हैं। युवाओं और बच्चों को जानकारी कम होती है, और वे शौक-शौक में नशे के आदी हो जाते हैं, जिससे उनकी जान भी जा सकती है। कालांवाली में कई युवा नशे के कारण अपनी जान गवां चुके हैं। यहां बिना किसी मेडिकल स्टोर के झोलाछाप लोग नशा बेच रहे हैं, और छोटे-छोटे बच्चों को दिहाड़ी पर नशा बेचने के लिए रखा गया है। इस बात की पुष्टि कालांवाली निवासी सुभाष कुमार ने की है।

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