छत्तीसगढ़ में एक वर्ष के भीतर एक लाख साक्षरता केंद्र खोले जाएंगे, जिसका उद्देश्य असाक्षर लोगों को साक्षर बनाना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस योजना की घोषणा की और 10 लाख लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा है। यह घोषणा मुख्यमंत्री साय ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर राजधानी के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित उल्लास मेले के दौरान की। उन्होंने कहा कि निरक्षरता के कारण लोगों का जीवन कठिन हो जाता है।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के एक मंत्री का नाम लिए बिना हमला किया और कहा कि पिछली सरकार के एक मंत्री ने कोरवा परिवार के संयुक्त खाते की 25 एकड़ जमीन धोखाधड़ी करके पंजीकृत करा ली थी। साय ने कहा कि उनका उद्देश्य प्रदेश को विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है, और शिक्षा इस विकास का मूलमंत्र है।
सीएम साय ने युवाओं को सलाह दी कि शिक्षा में डिग्री प्राप्त करना केवल सरकारी नौकरी पाने का उद्देश्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन अधूरा होता है और एक शिक्षित व्यक्ति और निरक्षर व्यक्ति के जीवन में काफी अंतर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु रहा है, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। साक्षरता दिवस पर पिछले पांच वर्षों से आयोजन बंद कर दिए गए थे।