RBI Update: यूको बैंक के खिलाफ आरबीआई की बड़ी कार्रवाई, रेगुलेटर ने जड़ दिया इतने करोड़ की पेनल्टी

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RBI Penalty On UCO Bank: बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के पब्लिक सेक्टर बैंक यूको बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है. बैंकिग रेगुलेशन एक्ट 1949 और उसके निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते आरबीआई ने यूको बैंक पर ₹2,68,30,000 रुपये का जुर्माना ठोंका है. भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रेस रिलीज जारी कर ये जानकारी दी है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, 26 अगस्त 2024 को जारी किए गए आदेश के मुताबिक उसने यूको बैंक पर ₹2,68,30,000 की पेनल्टी जड़ा है. आरबीआई के मुताबिक यूको बैंक पर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 26ए के प्रॉविजंस के उल्लंघन, एडवांस पर ब्याज दरों, बैंक के करंट अकाउंट्स में अनुशासन, डिपॉजिट पर ब्याज दरें और कमर्शियल बैंकों और चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्युशन के फ्रॉड क्लासिफिकेशन और उसकी रिपोर्टिंग को लेकर आरबीआई की ओर से जारी किए गए डायरेक्शंस के अनुपालन नहीं करने के चलते ये कार्रवाई की गई है. आरबीआई ने बताया कि उसने यूको बैंक पर ये पेनल्टी उसे मिले अधिकारों के तहत लगाया है.

आरबीआई ने बताया कि बैंक के सुपवाइजरी जांच के बाद उसे नोटिस भी जारी किया गया था. बैंक को नोटिस भेजकर पूछा गया कि उसपर क्यों ना ज्यादा से ज्यादा पेनल्टी लगाया जाए. नोटिस पर बैंक के जवाब के बाद आरबीआई ने पाया कि पेनल्टी लगाना बनता है जिसके बाद मॉनिटरी पेनल्टी यूको बैंक पर लगाया गया है.

आरबीआई ने पाया कि यूको बैंक फ्लोटिंग रेट वाले पर्सनल रिटेल लोन और एमएसएमई को दिए लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क के साथ बेंचमार्क करने में विफल रहा है. ऐसे लोगों के करंट अकाउंट खोले गए जिसमें बैंकिंग सिस्टम का एक्सपोजर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा था. ऐसे लोगों के नाम पर सेविंग डिपॉजिट अकाउंट्स खोले गए जो पात्रता नहीं रखते थे. कुछ अनक्लेम्ड फिक्स्ड डिपॉजिट वाले बैलेंस को डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में एक्सपाइजरी की अवधि के तीन महीनों के भीतर ट्रांसफर करने में विफल रही है जिसके बाद ये 10 वर्षों से ज्यादा समय तक ये अनक्लेम्ड रहे. साथ ही फ्रॉड वाले मामलों को इंफोर्समेंट एजेंसियों को रिपोर्ट करने में बैंक विफल रही.

आरबीआई ने कहा, ये कार्रवाई वैधानिक और रेगुलेटरी अनुपालन में कमियों के चलते लिया गया है और इसका मकसद बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है. आरबीआई ने कहा, मॉनिटरी पेनल्टी लगाने से बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा.

 

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