बिहार: आउटसोर्सिंग कर्मियों की बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब, 34 प्रधानाचार्य तलब

सीवान में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 34 सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को तलब किया है। यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के निर्देश पर की गई है, जिसमें उन्हें तीन दिन के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है। इस मामले की शुरुआत तब हुई जब पिछले महीने जिले के सरकारी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों, जैसे कि एमटीएस कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और सफाई कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया था। इसके बाद प्रभावित कर्मियों ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें धीरज शर्मा बनाम बिहार सरकार याचिका दाखिल की गई थी।
हाईकोर्ट ने पूछा- आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति कब हुई
पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग से पूछा कि आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति कब हुई और उनका बकाया वेतन क्या है। इसके साथ ही सभी प्रधानाचार्यों को संबंधित दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। इधर, इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने मीडिया से कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। इस घटनाक्रम ने शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है और उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को तत्पर रहने की आवश्यकता है।
इन प्रमुख विद्यालयों के प्राचार्य को बुलाया गया
जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेन्द्र प्रसाद ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 34 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को तलब किया है। 34 में से इन प्रमुख विद्यालयों के प्रधानाचार्य को बुलाया गया है उनमें शामिल हैं..
- विशेश्वर उच्च विद्यालय, हरिपुर
- उत्क्रमित विद्यालय, भागर
- उमा उच्च विद्यालय, पचरुखी
- पचरुखी इंटर कॉलेज
- इंटर कॉलेज प्रेमचंद
- उच्च विद्यालय, सरारी
- गोपाल प्रसाद हाई स्कूल