जामा मस्जिद में बड़े बदलाव पर एएसआई ने उठाए सवाल, संरक्षण एवं विज्ञान शाखा करेगी जांच

जामा मस्जिद में बड़े बदलाव पर एएसआई ने उठाए सवाल, संरक्षण एवं विज्ञान शाखा करेगी जांच

संभल जामा मस्जिद की पुताई के मामले में जांच कर चुकी एएसआई की टीम ने अपनी रिपोर्ट में मस्जिद कमेटी पर सवाल उठाए हैं। उच्च न्यायालय में दाखिल की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद में पुताई की जरूरत तो नहीं है लेकिन मस्जिद कमेटी ने एएसआई को जानकारी दिए बिना कई बदलाव कर दिए हैं। अब इन बदलाव को ऐतिहासिक रूप देने की जरूरत है, जिसके लिए एएसआई की संरक्षण एवं विज्ञान शाखा काम करेगी।

सूत्रों का कहना है कि एएसआई की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि मस्जिद की फर्श को बदल दिया गया है। टाइल्स लगा दी गई हैं। इसकी भी जानकारी एएसआई को नहीं है। दरअसल जामा मस्जिद कमेटी ने रमजान से पहले जामा मस्जिद में पुताई, सफाई और सजावट की अनुमति के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने एएसआई से इस अनुमति के लिए जांच करा रिपोर्ट देने के लिए कहा।

27 फरवरी को एएसआई की टीम जामा मस्जिद की स्थिति का आकलन करने के लिए पहुंच गई। इसमें एएसआई के संयुक्त निदेशक मदन सिंह चौहान, निदेशक (स्मारक) जुल्फिकार अली और मेरठ सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद्  विनोद सिंह रावत शामिल थे। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट 28 फरवरी को उच्च न्यायालय में पेश की थी। इस रिपोर्ट में ही जामा मस्जिद कमेटी के द्वारा किए गए बदलाव का उल्लेख किया गया है। साथ ही पुताई की जरूरत नहीं होने की बात कही है।

परिसर में सफाई की जरूरत बताई
जामा मस्जिद की स्थिति का आकलन कर लौटी एएसआई की टीम ने उच्च न्यायालय में दाखिल की रिपोर्ट में माना है कि सफाई की जरूरत है। जो एएसआई द्वारा कराई जाएगी लेकिन पुताई की जरूरत नहीं है। हालांकि सफाई कब होगी यह तय नहीं हुआ है। मंगलवार को उच्च न्यायालय में फिर से सुनवाई होनी है। उसके बाद तय हो सकता है कि एएसआई द्वारा सफाई कब कराई जाएगी।

स्वरूप बदलने का आरोप लगा चुके हैं अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन
जामा मस्जिद के सर्वे कराने वाली टीम में शामिल अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन शुक्रवार को जामा मस्जिद कमेटी पर आरोप लगाया था कि वह स्वरूप बदलना चाहते हैं। इसलिए पुताई की अनुमति मांग रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। इससे स्वरूप को बदला जा सकता है। इसलिए जो सर्वे रिपोर्ट में तथ्य शामिल किए गए हैं उनमें भी बदलाव हो सकता है।

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