महाकुंभ: संगम में नाव पलटने से बचाए गए श्रद्धालु की अस्पताल में मौत, दो अब भी लापता

महाकुंभ: संगम में नाव पलटने से बचाए गए श्रद्धालु की अस्पताल में मौत, दो अब भी लापता

संगम में एक दिन पहले डूबे देवर-भाभी का दूसरे दिन भी पता नहीं चल सका। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने सर्च ऑपरेशन चलाया। लेकिन, उनका कुछ पता नहीं चल पाया। उधर, अस्पताल में भर्ती दो लोगों में से एक श्रद्धालु की बुधवार रात मौत हो गई। जबकि दूसरे की हालत भी गंभीर बनी रही।

मंगलवार दोपहर 3:00 बजे के करीब संगम में हादसे में नौ लोग नदी में डूबे थे। इनमें से सात को बचा लिया गया था। जबकि, देहरादून के जीएमएस रोड मोहित विहार निवासी ललिता देवी (60) पत्नी बृजलाल प्रसाद व उनके फुफेरे देवर सुरेश चंद्र (65) लापता हो गए थे। बुधवार सुबह जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

तलाश में लगी टीमें अलग-अलग नावों से अरैल और झूंसी के छतनाग तक गईं। लेकिन, कुछ पता नहीं चल पाया। सीओ जल पुलिस रजनीश यादव ने बताया कि संगम से लेकर अरैल और छतनाग तक तलाश की गई। लेकिन, दोनों का कुछ पता नहीं चला। बृहस्पतिवार को एक बार फिर से नदी में अलग-अलग स्थान पर जाल लगवाकर तलाश की जाएगी। 

उधर हादसे में बचाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती दो लोगों में से महावीर प्रसाद (65) ने बुधवार रात 8:00 बजे के करीब दम तोड़ दिया। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर संतोष सिंह ने बताया कि फेफड़ों में पानी भर जाने के कारण वह सांस नहीं ले पा रहे थे। ऐसे में उन्हें बाईपैक विधि से सांस दी जा रही थी। हालांकि तबीयत बिगड़ती चली गई और फिर उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।

रात 8:00 बजे के करीब उनकी सांसें थम गईं। अस्पताल पहुंचे रिश्तेदार रामगोपाल मित्तल ने बताया कि अस्पताल में भर्ती बृजलाल प्रसाद (65) की भी हालत गंभीर बनी हुई है। मृतक महावीर बृजलाल की बुआ के लड़के थे। उन्होंने बताया कि घरवाले पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते हैं और इस संबंध में पुलिस को लिखकर दे दिया गया है। वह सुबह शव लेकर देहरादून के लिए रवाना होंगे।

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