Exit Poll vs Opinion Poll: ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या फर्क है? जानिए इन दोनों के बारे में

Exit Poll vs Opinion Poll: ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या फर्क है? जानिए इन दोनों के बारे में

दिल्ली विधानसभा के लिए बुधवार (5 फरवरी) को वोट डाले जा रहे हैं। नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। 5 फरवरी की शाम को अलग-अलग सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे। देश में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका अनुमान इस पोल के जरिए लगेगा।

पहले जान लीजिए ये एग्जिट पोल है क्या?
दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी के लोग मौजूद होते हैं। वह मतदाता से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है?

इस तरह से हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवाल पूछा जाता है। मतदान खत्म होने तक ऐसे सवाल बड़ी संख्या में आंकड़े एकत्र हो जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि जनता का मूड किस ओर है? गणितीय मॉडल के आधार पर ये निकाला जाता है कि कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है।

कितने लोगों से सवाल पूछा जाता है?

एग्जिट पोल कराने के लिए सर्वे एजेंसी के प्रतिनिधि किसी बूथ पर जाकर वहां लोगों से बात करते हैं। इसमें पहले से तय नहीं होता है कि वह किससे सवाल करेंगे? आमतौर पर मजबूत एग्जिट पोल के लिए 30-35 हजार से लेकर एक लाख वोटर्स तक से बातचीत होती है। इसमें क्षेत्रवार हर वर्ग के लोगों को शामिल किया जाता है।

ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या होता है अंतर? 

ओपिनियन पोल: एजेंसियां ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराती हैं और इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाता है। भले ही वो मतदाता है या नहीं। ओपिनियन पोल के नतीजे के लिए चुनावी दृष्टि से अलग-अलग क्षेत्रों के अहम मुद्दों पर जनता की नब्ज को टटोलने की कोशिश की जाती है। इसके तहत हर क्षेत्र में यह जानने का प्रयास किया जाता है कि सरकार के प्रति जनता की नाराजगी है या फिर उसके काम से संतुष्ट है।

एग्जिट पोल: एग्जिट पोल वोटिंग के तुरंत बाद कराया जाता है, जिसमें केवल मतदाताओं को ही शामिल किया जाता है। एग्जिट पोल में वही लोग शामिल होते हैं, जो मतदान कर बाहर निकलते हैं। एग्जिट पोल निर्णायक दौर में होता है। इससे पता चलता है कि लोगों ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है। एग्जिट पोल का प्रसारण मतदान के पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही किया जाता है। 5 फरवरी को मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल दिखाए जाएंगे।

ओपिनियन पोल के बारे में रोचक जानकारी:

  • दुनिया में चुनावी सर्वे की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई।
  • जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने अमेरिकी सरकार के कामकाज पर लोगों की राय जानने के लिए ये सर्वे किया था।
  • बाद में ब्रिटेन ने 1937 और फ्रांस ने 1938 में अपने यहां बड़े पैमाने पर पोल सर्वे कराए।
  • इसके बाद जर्मनी, डेनमार्क, बेल्जियम तथा आयरलैंड में चुनाव पूर्व सर्वे कराए गए।

एग्जिट पोल के बारे में रोचक जानकारी: 

  • एग्जिट पोल की शुरुआत नीदरलैंड के समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम ने की थी।
  • वॉन डैम ने पहली बार 15 फरवरी 1967 को इसका इस्तेमाल किया था। उस समय नीदरलैंड में हुए चुनाव में उनका आकलन बिल्कुल सटीक रहा था।

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