बिहार में नौकरियों का क्रेडिट लेने की होड़, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की 7,000 नियुक्तियां

How Nitish Kumar became longest-serving Bihar CM over many political storms

 

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राज्य सरकार द्वारा दी गई नौकरियों का श्रेय लेने की होड़ मच गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने 17 महीने सत्ता में रहते हुए 3.5 लाख नौकरियों की प्रक्रिया शुरू की थी, जो अब परिणाम दे रही है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्रेडिट किसे मिल रहा है, हमें तो यह देखना है कि बिहार के लोगों को रोजगार मिले और राज्य का विकास हो।

 

वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को लगभग 7,000 सरकारी पदों पर नियुक्तियां कीं। यह पद लंबे समय से कानूनी विवादों में फंसे हुए थे और अब जाकर इन पदों पर नियुक्तियां हो पाई हैं। मुख्यमंत्री ने 6,341 जूनियर इंजीनियर्स (JE) को नियुक्ति पत्र दिए, जो विभिन्न विभागों में कार्य करेंगे। इसके साथ ही श्रम विभाग के 496 अनुदेशकों को भी नियुक्ति पत्र मिले। इन नियुक्तियों से राज्य में सरकारी कामकाज में सुधार और विकास की गति मिलने की उम्मीद है।

 

जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि ये सभी विज्ञापन 2019 में जारी किए गए थे, लेकिन कुछ उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया को कानूनी चुनौती दी थी, जिसके कारण यह प्रक्रिया रुकी रही। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद ये नियुक्तियां की गईं।

 

इसके अलावा, विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए विकास ही मुख्य एजेंडा रहा है। विपक्षी नेता अब इसे स्वीकार कर रहे हैं और इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने राहुल गांधी के पटना दौरे पर भी तंज कसा, कहा कि वे अक्सर अपनी पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं और जाति जनगणना का श्रेय नीतीश कुमार को न देना बेईमानी है।

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