धानवी सिंह की घुड़सवारी कला: नौ साल की बच्ची ने सात मेडल जीतकर रचा इतिहास
राजस्थान के करौली जिले की नौ साल की धानवी सिंह ने अपनी असाधारण घुड़सवारी कला से सबको चौंका दिया है और आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के दिल जीत लिए हैं। जिस उम्र में बच्चे साधारण जानवरों से भी डरते हैं, उस उम्र में धानवी ने घोड़े की पीठ पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।
सात मेडल जीतकर किया करौली का नाम रोशन
हाल ही में जयपुर में भारतीय सेना के 61 कैवलरी सेंटर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में धानवी ने सात मेडल (चार सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज) जीते हैं। सिल्वर मेडल्स हस्क प्रतियोगिता में और ब्रॉन्ज मेडल्स बॉल एंड बास्केट प्रतियोगिता में धानवी की कुशल घुड़सवारी के लिए मिले हैं। भारतीय सेना के कर्नल कमलजीत सिंह ने भी उनकी शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया।
पिता से मिली प्रेरणा, दो महीने की लगन
धानवी अपनी घुड़सवारी के प्रति लगन अपने पिता जितेंद्र सिंह पिचानौत से पाई है। मात्र दो महीनों के अभ्यास के बाद, उन्होंने यह अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। उनके पिता जितेंद्र सिंह भी घुड़सवारी के शौकीन हैं और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार विदेशों में करते हैं।
धानवी के सपने: नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर जीत का लक्ष्य
धानवी का अगला लक्ष्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतना है। धानवी का सपना है कि वह अपनी घुड़सवारी के जरिए देश और परिवार का नाम और ऊंचा करें।
बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं धानवी
धानवी सिंह ने सिद्ध कर दिया है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। उनके पिता जितेंद्र सिंह ने संदेश दिया है कि बेटा और बेटी में फर्क करना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि बेटियां भी अपने परिवार और समाज का नाम रोशन कर सकती हैं।