महाकुंभ में पहली बार एक लाख प्रतियां हिंदू आचार संहिता की होंगी वितरित
महाकुंभ में पहली बार एक लाख सनातनियों में हिंदू आचार संहिता का वितरण किया जाएगा। काशी के विद्वानों द्वारा तैयार की गई इस आचार संहिता को शंकराचार्य, रामानुजाचार्य और संतों की मुहर के बाद लोगों तक पहुंचाया जाएगा। मौनी अमावस्या के बाद संत सम्मेलन में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) इसे सार्वजनिक करेगा।
15 वर्षों का अध्ययन
पंद्रह वर्षों तक धर्मग्रंथों के अध्ययन के बाद काशी विद्वत परिषद की टीम ने इस आचार संहिता को तैयार किया है। 300 पृष्ठों की इस संहिता में हिंदू समाज की कुरीतियों और विवाह व्यवस्था पर भी विधान तय किया गया है।
आचार संहिता का लोकार्पण
विश्व हिंदू परिषद के संत सम्मेलन में इसे देशभर के संतों के समक्ष लोकार्पित किया जाएगा। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि 351 साल बाद हिंदू समाज के लिए आचार संहिता तैयार की गई है।
व्यापक प्रयास
11 साल वैचारिक और 4 साल धर्मग्रंथों के अध्ययन के बाद काशी विद्वत परिषद ने देशभर के विद्वानों की टीम के साथ मिलकर इसे तैयार किया है।
व्यापक वितरण
मौनी अमावस्या के बाद महाकुंभ में एक लाख प्रतियों का वितरण किया जाएगा। इसके बाद देश में 11 हजार प्रतियों का वितरण किया जाएगा।
स्मृतियों और पुराणों पर आधारित
हिंदू आचार संहिता को मनु स्मृति, पराशर स्मृति और देवल स्मृति के साथ-साथ भागवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराणों के प्रमुख अंशों को आधार बनाकर तैयार किया गया है। 70 विद्वानों की 11 टीम और 3 उप टीम ने 40 बैठकों के बाद इसका अंतिम स्वरूप तैयार किया है।
विवाह में फिजूलखर्ची और अंतिम संस्कार के नियम
आचार संहिता में विवाह में फिजूलखर्ची को रोकने के साथ-साथ दिन में वैदिक परंपरा अनुसार विवाह करने का निर्देश दिया गया है। विवाह में कन्यादान के अलावा दहेज को निषेध करने की बात कही गई है।