बिहार: मुखिया ने बाहुबली अनंत सिंह पर फायरिंग का आरोप लगाया, क्या किसी से डरे हुए हैं पूर्व विधायक?

पटना के नौरंगा गांव में बुधवार को हुई गोलीबारी की घटना से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। इस घटना में पूर्व विधायक अनंत सिंह और मुखिया कुमारी उर्मिला सिन्हा के बेटे सोनू-मोनू के बीच विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। घटना के दौरान कई राउंड फायरिंग हुई, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। पुलिस ने घटनास्थल से पिस्टल और कट्टा बरामद किया है और मामले में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पूर्व विधायक अनंत सिंह ने बताया कि कुछ ग्रामीण उनके पास न्याय की गुहार लेकर आए थे। ग्रामीणों का आरोप था कि सोनू-मोनू ने उनके घरों पर ताले लगाकर उन्हें बेदखल कर दिया और 10,000 रुपये की रंगदारी मांगी। अनंत सिंह ने पहले ग्रामीणों को पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी, लेकिन जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे खुद मौके पर पहुंचे और ताले खुलवाए। उन्होंने सोनू-मोनू से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनके मुताबिक, सोनू-मोनू ने देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। अनंत सिंह के समर्थकों ने भी स्थिति संभालने के लिए हवाई फायरिंग की, जिसके बाद सोनू-मोनू फरार हो गए।
दूसरी ओर, सोनू-मोनू के पिता प्रमोद कुमार और उनकी मां उर्मिला सिन्हा, जो वर्तमान में मुखिया हैं, ने अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर घर पर हमला करने और चुनावी रंजिश के तहत गोलीबारी करने का आरोप लगाया। प्रमोद कुमार ने कहा कि उनका परिवार अनंत सिंह से किसी तरह की दुश्मनी नहीं रखता, लेकिन अनंत सिंह ने पूर्व में चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने की वजह से यह हमला किया। उर्मिला सिन्हा ने बताया कि गोलीबारी के दौरान उन्होंने अपने पोते के साथ किसी तरह जान बचाई।
ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि हालात नियंत्रण में हैं और पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस घटना ने इलाके में असुरक्षा की भावना बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है और सोनू-मोनू के आतंक पर रोक लगाने की अपील की है।
इस घटना ने एक बार फिर पटना के ग्रामीण इलाकों में बढ़ती राजनीतिक और आपराधिक टकराव की तस्वीर सामने लाई है। पुलिस को निष्पक्ष और तेज जांच करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आम जनता के बीच सुरक्षा और विश्वास का माहौल बहाल हो सके।