बिहार: अस्पताल में हड़ताल से बढ़ी मरीजों की परेशानी, NMCH और डायल 102 ठप

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पटना में चिकित्सा सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं, क्योंकि डायल 102 एंबुलेंस कर्मी और नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के मेडिकल स्टूडेंट हड़ताल पर चले गए हैं। यह हड़ताल मरीजों और उनके परिजनों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रही है।

 

मेडिकल स्टूडेंट्स की मांग

मंगलवार को एनएमसीएच के मेडिकल स्टूडेंट्स ने स्टाइपेंड की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्र-छात्राओं ने अस्पताल परिसर में रजिस्ट्रेशन काउंटर को बंद करवा दिया और ओपीडी सेवाएं बाधित कर दीं। इनका आरोप है कि जुलाई 2024 से स्टाइपेंड का भुगतान नहीं किया गया है। अस्पताल प्रबंधन फंड की कमी का हवाला दे रहा है, जिससे छात्र नाराज हैं। उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है।

 

एंबुलेंस कर्मियों की समस्याएं

बुधवार सुबह से डायल 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी भी गर्दनीबाग धरनास्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि नई एजेंसी द्वारा जबरन लागू किए जा रहे नियमों और अनुचित ट्रांसफर से वे परेशान हैं। कई कर्मियों को बिना कारण नौकरी से हटा दिया गया है। एंबुलेंस महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद मुस्लिम ने सरकार से न्याय की मांग की है और चेतावनी दी है कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता, प्रदर्शन जारी रहेगा।

 

मरीजों को हो रही परेशानी

इन दो हड़तालों के कारण सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आए मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। न केवल ओपीडी सेवाएं बाधित हैं, बल्कि एंबुलेंस की अनुपलब्धता से मरीजों को अस्पताल पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

 

सरकार से समाधान की अपील

मेडिकल स्टूडेंट्स और एंबुलेंस कर्मियों की मांगें गंभीर हैं और इन पर तत्काल ध्यान देना आवश्यक है। सरकार को संवाद के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए ताकि चिकित्सा सेवाएं सामान्य हो सकें और मरीजों को राहत मिले।

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